घ्राणहीनता – सूंघ न पाना – रोकथाम – प्रदूषण युक्त क्षेत्र में न रहें। धूम्रपान त्यागें। नाक का अवरोध खोलने वाली औषधियों का अत्यधिक प्रयोग नहीं करें।.
Category: जीवन शैली और रहन सहन
एनजाइना पेक्टोरिस – छाती का दर्द: रोकथाम और जटिलताएं
एनजाइना पेक्टोरिस – छाती का दर्द – रोकथाम – धूम्रपान और निकोटिन का किसी भी रूप से प्रयोग बंद कर दें। उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करें। रक्त में उपस्थित वसा को कम करें।.
एनजाइना पेक्टोरिस – छाती का दर्द: घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज
एनजाइना पेक्टोरिस – छाती का दर्द – आहार – लेने योग्य आहार: फल और सब्जियाँ।
, रेशे युक्त आहार।
, साबुत अनाज।
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एनजाइना पेक्टोरिस – छाती का दर्द: लक्षण और कारण
एनजाइना पेक्टोरिस – छाती का दर्द – लक्षण – छाती में दर्द अथवा बेचैनी। भुजाओं में दर्द। मतली, थकावट. एनजाइना पेक्टोरिस – छाती का दर्द – कारण – सिगरेट पीना, चिकित्सीय स्थितियां (मधुमेह, रक्तचाप, मोटापा इत्यादि)। शारीरिक गतिविधि। लम्बे समय से मनोवैज्ञानिक तनाव।.
एनजाइना पेक्टोरिस – छाती का दर्द: प्रमुख जानकारी और निदान
एनजाइना को ह्रदय रोग के कारण होने वाली बेचैनी, भारीपन, दबाव, दर्द, जलन, भरा हुआ लगना, निचोड़ता हुआ लगना या दर्दनाक अनुभव के द्वारा समझाया जा सकता है।.
शराब की लत – अल्कोहोलिज्म: रोकथाम और जटिलताएं
शराब की लत – अल्कोहोलिज्म – रोकथाम – पब और बार जाने से बचें। धूम्रपान से परहेज। सामाजिक परिस्थितियों में शराब को “ना” कहने का अभ्यास करें। शराबी दोस्तों से बचें।.
शराब की लत – अल्कोहोलिज्म: घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज
शराब की लत – अल्कोहोलिज्म – आहार – लेने योग्य आहार: एमिनो एसिड से समृद्ध आहार जैसे कि समुद्री आहार, डेरी उत्पाद, सूर्यमुखी के बीज, केला आदि
, विटामिन
, फलों का रस
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शराब की लत – अल्कोहोलिज्म: लक्षण और कारण
शराब की लत – अल्कोहोलिज्म – लक्षण – पसीना, मतली और उल्टी, नींद ना आना, अवसाद, चिढ़चिढ़ापन. शराब की लत – अल्कोहोलिज्म – कारण – अनुवांशिक रूप से संवेदनशीलता। वातावरण। मानसिक स्वास्थ्य।.
शराब की लत – अल्कोहोलिज्म: प्रमुख जानकारी और निदान
अल्कोहोलिज्म शराब से जुड़ी समस्याओं के लिए विस्तृत शब्द है। यह निश्चित रूप से आदी बनाने वाली बीमारी है।.
विटामिन D की कमी: रोकथाम और जटिलताएं
विटामिन D की कमी – रोकथाम – अपने आपको, बिना बचाव के, सीमित समय के लिए, सूर्य के प्रकाश के संपर्क में रखें। सभी तरह के आहारों से परिपूर्ण भोजन लें। विटामिन D का पूरक लें।.