विटामिन D की कमी: घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज (Vitamin D ki kami: gharelu upchar, ilaj or parhej)

विटामिन D की कमी – आहार – लेने योग्य आहार आहार से विटामिन D की पर्याप्त मात्रा ले पाना असंभव है। सूर्य के प्रकाश से सीधा सम्पर्क ही आपके शरीर में विटामिन D उत्पन्न करने का एकमात्र विश्वसनीय तरीका है। कुछ आहारों में विटामिन D की थोड़ी मात्रा होती है, जिनमें:: वसायुक्त मछली, जिगर का माँस, अंडे की जर्दी,

विटामिन D की कमी: लक्षण और कारण

विटामिन D की कमी – लक्षण – थकावट, लम्बे समय से बना हुआ दर्द, वजन का बढ़ना, माँसपेशियों में दर्द, कमजोरी, और ऐंठन, नींद में व्यवधान. विटामिन D की कमी – कारण – सूर्य के प्रकाश से सम्पर्क की कमी, गहरी त्वचा, कुछ विशेष चिकित्सीय समस्याएँ.

विटामिन D की कमी: प्रमुख जानकारी और निदान

आपको विटामिन D की कमी हो सकती है, यदि आप लम्बे समय तक सूर्य के प्रकाश में नहीं रहते हैं, और विटामिन D से समृद्ध आहार नहीं लेते हैं।.

विटामीन बी12 की कमी: रोकथाम और जटिलताएं

विटामीन बी12 की कमी – रोकथाम – विटामीन बी12 की कमी से विटामीन बी12 युक्त आहार लेकर बचें. शाकाहारियों को बी12 युक्त मल्टीविटामिन और विटामिन बी12 की शक्ति से परिपूर्ण आहार लेना चाहिए.

विटामीन बी12 की कमी: घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज

विटामीन बी12 की कमी – आहार – लेने योग्य आहार: दूध और दूध उत्पाद विटामिन बी12 के अच्छे स्रोत हैं। इनमें पोल्ट्री उत्पाद, मछली, फलियाँ, पनीर, अंडे और मेवे भी आते हैं। मछली और रेड मीट विटामिन बी12 के उत्तम स्रोत हैं। पोल्ट्री और अण्डों में भी विटामिन बी12 होता है।

विटामीन बी12 की कमी: लक्षण और कारण

विटामीन बी12 की कमी – लक्षण – साँस की कमी। वजन में गिरावट। हाथों, पैरों और पंजों झुनझुनी या सनसनाहट। सोचने और तर्क में कठिनाई।. विटामीन बी12 की कमी – कारण – शुद्ध शाकाहारी जो पशु या डेरी उत्पाद नहीं लेते। परनिसियस एनीमिया। वे ड्रग जो विटामिन B12 के अवशोषण में अवरोध करते हैं।.

विटामीन बी12 की कमी: प्रमुख जानकारी और निदान

विटामिन बी12 जीवन के लिए आवश्यक है। यह डीएनए (आनुवांशिक पदार्थ) के संश्लेषण के लिए और लाल रक्त कणिकाओं तथा तंत्रिका तंत्र के उचित कार्य करने हेतु आवश्यक है।.

माइग्रेन: रोकथाम और जटिलताएं

माइग्रेन रोकथाम – धूम्रपान बिलकुल नहीं करें, तनाव कम करें, नियमित व्यायाम करें, माइग्रेन की चपेट में लाने वाली चीजों से बचें।.

माइग्रेन: घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज

माइग्रेन आहार – लेने योग्य आहार: चावल, खासकर भूरे चावल, पकी हुई हरी सब्जियाँ जैसे ब्रोकोली, पालक, स्विस चार्ड या कोलार्ड, पकी हुई नारंगी रंग वाली सब्जियाँ जैसे गाजर या शकरकंद,

माइग्रेन: लक्षण और कारण

माइग्रेन लक्षण – सिर में फड़कता हुआ दर्द, प्रकाश, ध्वनि और गंध के प्रति संवेदनशीलता, मतली या उल्टी, पसीना. माइग्रेन कारण – अनुवांशिकता, चमकीला प्रकाश, तेज आवाजें, और कुछ खास गंध अथवा परफ्यूम, तनाव और बेचैनी.