माइग्रेन: प्रमुख जानकारी और निदान

माइग्रेन सिरदर्द का एक प्रकार है जो एक तरफ होता है और मस्तिष्क में तंत्रिका तंत्र के विकार के कारण होता है।.

हाइपरथाइरोइडिसम: रोकथाम और जटिलताएं

हाइपरथाइरोइडिसम रोकथाम – धूम्रपान बंद करें, तनाव कम करें, नित्य व्यायाम करें और चुस्त रहें, छाना हुआ पानी पियें.

हाइपरथाइरोइडिसम: लक्षण और कारण

हाइपरथाइरोइडिसम लक्षण – वजन में गिरावट, बार बार पसीना आना, थाइरोइड ग्रंथि का आकार बड़ा होना, बाल झड़ना, नींद में बाधा. हाइपरथाइरोइडिसम कारण – अत्यधिक आयोडीन, तनाव, अन्य संक्रमण.

हाइपरथाइरोइडिसम: घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज

हाइपरथाइरोइडिसम आहार – लेने योग्य आहार: गोइटरोजेनिक आहारों में क्रूसीफेरस (एक समूह का नाम) सब्जियाँ जैसे कि पत्तागोभी, फूलगोभी, और ब्रसेल्स स्प्राउट; गहरी हरी पत्तेदार सब्जियाँ, और जड़ वाली सब्जियाँ जैसे कि शलजम, और रूटाबेगा (शलजम का एक प्रकार) हमारे शरीर के आयोडीन उपयोग में अवरोध करते हैं और इस कारण हाइपरथाइरोइडिसम के प्रभाव को कम करते हैं। हाइपरथाइरोइडिसम में जिंक का स्तर घट जाता है इसलिए जिंक युक्त आहार जैसे कि भूरा चावल, साबुत अनाज का दलिया, ज्वार, बाजरा, गिरी और मेवे लेने चाहिए। कैल्शियम युक्त आहार लें जिनमें डेरी उत्पाद जैसे कि दूध, दही और पनीर आते हैं।

हाइपरथाइरोइडिसम: प्रमुख जानकारी और निदान

हाइपरथाइरोइडिसम में, थाइरोइड ग्रंथि अधिक सक्रिय हो जाती है और शरीर की आवश्यकता से अधिक थाइरोइड हार्मोन बनाती है.

हाइपरटेंशन: रोकथाम और जटिलताएं

हाइपरटेंशन रोकथाम – उचित वजन बनाये रखना, धूम्रपान त्यागें, स्वस्थ आहार लेना, अपने आहार में नमक की मात्रा कम करना.

हाइपरटेंशन: प्रमुख जानकारी और निदान

हाइपरटेंशन, जिसे कि उच्च रक्त चाप भी कहा जाता है, ऐसी स्थिति है जिसमें रक्त वाहिनियों में रक्त का दबाव लगातार बढ़ा हुआ होता है।.

हाइपरटेंशन: लक्षण और कारण

हाइपरटेंशन लक्षण – तीव्र सिरदर्द, थकावट या असमंजस की स्थिति, चक्कर आना, मतली, दृष्टि की समस्या. हाइपरटेंशन कारण – धूम्रपान, मोटापा, मधुमेह, नमक सेवन का बढ़ा हुआ स्तर.

हाइपरटेंशन: घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज

हाइपरटेंशन आहार – लेने योग्य आहार हाइपरटेंशन से मुकाबला करके प्रतिदिन आपको उचित पोषण देने वाले प्रधान 10 आहार हैं:: हाइपरटेंशन से सामंजस्य स्थापित करने के लिए फाइबर और पोटैशियम युक्त तथा कम संतृप्त वसा वाले आहार लेने चाहिए। फल, सब्जियाँ, साबुत अनाज और कम वसा वाले डेरी उत्पादों की उचित मात्रा आवश्यक है।
, आहार में प्रतिदिन दो से तीन बार साबुत अनाज और उनके उत्पाद जैसे कि भूरे चावल, मल्टीग्रेन ब्रेड, ताज़ी सब्जियों की अधिक मात्रा और तीन से चार बार फल लेने चाहिए।
, डेरी उत्पाद जैसे कि दूध, पनीर, और दही लिए जा सकते हैं किन्तु ये कम वसा वाले होने चाहिए। पोल्ट्री उत्पाद (अंडे की सफेदी और चूजे से प्राप्त सफ़ेद गोश्त) और समुद्री आहार लिए जा सकते हैं। साथ ही विभिन्न मेवे, गिरी, दालें और फलियाँ भी ली जानी चाहिए।
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टाइप 2 मधुमेह: रोकथाम और जटिलताएं

टाइप 2 मधुमेह – रोकथाम – नियमित शारीरिक गतिविधियों के साथ संतुलित आहार लेकर आप मधुमेह के खतरे को कम कर सकते हैं।.