टाइप 2 मधुमेह – आहार – लेने योग्य आहार: करेला, मेथी, जामुन, लहसुन, प्याज़, अलसी, दालचीनी का पानी, फाइबर युक्त आहार जैसे कि सेब, मूंग दाल, जई, सोयाबीन इत्यादि मधुमेह को नियंत्रित करने में सहायता करते हैं। स्वास्थ्यकारी प्रोटीन लें जैसे कि फलियाँ, मछली, या त्वचारहित चिकन। स्वास्थ्यवर्धक वसा युक्त आहार जैसे कि जैतून का तेल, मेवे (बादाम, अखरोट, पेकंस), और एवोकेडो।
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टाइप 2 मधुमेह: लक्षण और कारण
टाइप 2 मधुमेह – लक्षण – अत्यंत प्यासा और भूखा अनुभव करना। बार-बार मूत्रत्याग, खासकर रात्रि में। अत्यंत थकान। घाव भरने की धीमी गति।. टाइप 2 मधुमेह – कारण – मधुमेह का पारिवारिक इतिहास। सामान्य से अधिक वजनी होना। तनाव।.
टाइप 2 मधुमेह: प्रमुख जानकारी और निदान
टाइप 2 मधुमेह तब होता है जब पैंक्रियास पर्याप्त मात्रा में इन्सुलिन स्रावित नहीं करता या स्रावित इन्सुलिन उचित रूप से कार्य नहीं करती।.
टाइप 1 मधुमेह: रोकथाम और जटिलताएं
टाइप 1 मधुमेह – रोकथाम – पोषक आहार के साथ नियमित व्यायाम मधुमेह के खतरे को कम करता है।.
टाइप 1 मधुमेह: प्रमुख जानकारी और निदान
टाइप 1 मधुमेह में इन्सुलिन के कम उत्पादन या उत्पादनहीनता के कारण रक्त में ग्लूकोस की मात्रा बढ़ जाती है।.
टाइप 1 मधुमेह: लक्षण और कारण
टाइप 1 मधुमेह – लक्षण – अत्यंत भूखा और प्यासा अनुभव करना। बार बार मूत्रत्याग। उनींदापन या आलस, वजन का गिरना, हाथों और पैरों में झुनझुनी होना. टाइप 1 मधुमेह – कारण – स्व-प्रतिरक्षक विकार। वायरस या वातावरण के विषैले पदार्थ।.
टाइप 1 मधुमेह: घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज
टाइप 1 मधुमेह – आहार – लेने योग्य आहार ताजे फल और सब्जियों का अधिक मात्रा में सेवन करें: स्टार्चयुक्त कार्बोहाइड्रेट वाले आहार जैसे कि ब्रेड, पास्ता, चपातियाँ, आलू, रतालू, नूडल्स, चावल और अनाज व दालें। सर्वोत्तम प्रकार की वसा मोनोसैचुरेटेड (जैतून, मूंगफली, और केनोला तेल; एवोकेडो; और मेवे) और ओमेगा-3 पोलीअनसेचुरेटेड (मछली, अलसी का तेल, और अखरोट) होती है। वसायुक्त मांसाहार के कम वसा वाले विकल्प के तौर पर चिकन, टर्की, लीन मीट, और मछली को चुनें।
कोरोनरी आर्टरी डिजीज: रोकथाम और जटिलताएं
कोरोनरी आर्टरी डिजीज – रोकथाम – नियमित व्यायाम द्वारा उचित वजन बनाये रखें। मदिरापान कम करें। धूम्रपान त्यागें। तनाव को नियंत्रित करें।.
कोरोनरी आर्टरी डिजीज: प्रमुख जानकारी और निदान
सीएडी कोरोनरी धमनियों में इकट्ठी वसा के जमा होने को कहा जाता है, जो धमनियों की दीवारों को क्षतिग्रस्त करता है, और ह्रदय को रक्त के प्रवाह में कमी हो जाती है।.
कोरोनरी आर्टरी डिजीज: लक्षण और कारण
कोरोनरी आर्टरी डिजीज – लक्षण – छाती में तीव्र दर्द। साँस में कमी। पेल्पीटेशंस (अनियमित हृदयगति)। कमजोरी और चक्कर आना।. कोरोनरी आर्टरी डिजीज – कारण – अनुवांशिकता, धूम्रपान। उच्च रक्त चाप और मधुमेह। मोटापा। तनाव।.