कोरोनरी आर्टरी डिजीज – लक्षण – छाती में तीव्र दर्द। साँस में कमी। पेल्पीटेशंस (अनियमित हृदयगति)। कमजोरी और चक्कर आना।. कोरोनरी आर्टरी डिजीज – कारण – अनुवांशिकता, धूम्रपान। उच्च रक्त चाप और मधुमेह। मोटापा। तनाव।.
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एनीमिया: घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज
एनीमिया आहार – लेने योग्य आहार फोलेट, विटामिन B12 और आयरन से भरपूर परिष्कृत आहार हीमोग्लोबिन स्तर को तेजी से बढ़ाने के लिए आवश्यक है। फल एनीमिया के इलाज के दौरान फल जैसे कि आयरन युक्त सेब और टमाटर का सेवन करना अत्यंत उपयोगी होता है। एनीमिया के इलाज हेतु आप या तो सेब और टमाटर खा सकते हैं अथवा उनके 100% शुद्ध रस का सेवन भी कर सकते हैं। अन्य फल जो एनीमिया के इलाज में असरकारी हैं, आलूबुखारा, केले, नीबू, अंगूर, किशमिश, संतरे, अंजीर, गाजर, और किशमिश अधिक मात्रा में खाए जाने पर शहद शहद आयरन, कॉपर और मेंगनीज़ का शक्तिशाली स्रोत है। जब इन तत्वों को मिलाया जाता है, ये हीमोग्लोबिन के संश्लेषण में सहायक होते हैं। इसलिए शहद एनीमिया के लिये शक्तिशाली अस्त्र है। एनीमिया की चिकित्सा के दौरान आप शहद को सेब के टुकड़ों के साथ अथवा केले के साथ ले सकते हैं। गोश्त लाल गोश्त जैसे कि किडनी, दिल और जिगर एनीमिया के इलाज में असरकारक हैं। लाल गोश्त, जैसे कि नाम बताता है, आयरन से भरपूर होता है और एनीमिया के रोगियों के लिए डॉक्टर्स इसे सुझाते हैं। इनके साथ ही मुर्गियाँ, मछली, और घोंघे भी एनीमिया के लिए असरदार हैं. सब्जियाँ सब्जियाँ जैसे कि पालक, लेट्यूस, चुकंदर, ब्रोकोली, मेथी, अजमोदा और केल आदि, आयरन में समृद्ध ऊर्जा से भरपूर सब्जियाँ हैं जो एनीमिया के इलाज में अत्यंत असरदार हैं। ये सब्जियाँ ना केवल आयरन बल्कि विटामिन B-12 और फोलिक एसिड जैसे ऊर्जादायी पोषक तत्वों से भी भरी होती हैं, जिनकी शरीर को एनीमिया को ठीक करने के लिए आवश्यकता होती है। चुकंदर का रस आयरन से भरपूर वनस्पति रस है जिसे एनीमिया ग्रस्त रोगी थकान और आलस के विरुद्ध टॉनिक की तरह ले सकते हैं। फलियाँ और मेवे फलियाँ और मेवे जैसे कि दालें, बादाम, साबुत अनाज, सूखे खजूर, मूंगफली और अखरोट आदि एनीमिया के कारणों और लक्षणों के विरुद्ध लाभकारी हैं। इनसे परहेज करें पाश्चुरीकृत दूध, कड़क कॉफ़ी व चाय, रिफाइंड स्टार्च, खासकर मैदा, कैन में रखे, जलाए हुए, परिरक्षित, और अन्य तरह के प्रोसेस्ड आहार। .
एनीमिया: रोकथाम और जटिलताएं
एनीमिया रोकथाम – पोषक आहार लें, डाइटिंग या व्यायाम में अति न करें.
एनीमिया: लक्षण और कारण
एनीमिया लक्षण – कमजोरी, सिरदर्द, चक्कर आना, बालों का झड़ना. एनीमिया कारण – वायरस, बैक्टीरिया, उनके विषाक्त पदार्थ, पैरासाइट्स (परजीवी), आहार अथवा औषधियों में किसी के लिए प्रतिकूल प्रतिक्रिया.
एनीमिया: प्रमुख जानकारी और निदान
एनीमिया ऐसी स्थिति है जिसमें लाल रक्त कणिकाओं की मात्रा या हीमोग्लोबिन सामान्य से कम होता है, परिणामस्वरूप आप थका हुआ और कमजोर अनुभव करते हैं।.
गठिया: रोकथाम और जटिलताएं
गठिया रोकथाम – नियमित व्यायाम द्वारा वजन पर नियंत्रण, शराब का सीमित सेवन, प्यूरिन्स की अधिक मात्रा वाले मीट और मछली युक्त आहार को सीमित करना.
गठिया: लक्षण और कारण
गठिया लक्षण – प्रभावित जोड़ में तीव्र दर्द, सूजन, लालिमा, नाजुकपन, गर्मी और खुजली. गठिया कारण – अधिक मात्रा में शराब या प्युरीन लेना, मोटापा, अनुवांशिकता, सीसा (लैड) की चपेट (प्रभाव) में आना.
गठिया: घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज
गठिया आहार – लेने योग्य आहार: चेरीस में अन्थोसायनीडीन्स होते हैं जो यूरिक एसिड को घटाने में सहायक हैं. प्रतिदिन एक कप चेरीस, ताज़ी या डिब्बाबंद, खानी चाहिए. स्ट्रॉबरीस और ब्लूबेरीज भी लाभकारी होती हैं. सेब का सिरका, नीबू का रस, हल्दी, अदरक, केले, अन्नानास, बेरीज, अजमोदा, अंकुरित अल्फाल्फा और अजमोदा बीज ये सभी पोषक तत्व, एंजाइमस और अन्य गठिया-रोधी तत्व प्रदान करते हैं. पोटैशियम की अधिक मात्रा वाले आहार, जैसे कि डेरी उत्पाद, खरबूज, केले या संतरे का रस.
गठिया: प्रमुख जानकारी और निदान
जोड़ों में यूरिक एसिड क्रिस्टल्स जमा होने के कारण होने वाली सूजन को गठिया कहा जाता है. ये सामान्यतया अंगूठे की गठान या टखने को प्रभावित करता है.
आर्थराइटिस: घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज
आर्थराइटिस आहार – लेने योग्य आहार: ओमेगा-3 फैटी एसिड्स से समृद्ध आहार- समुद्री मछली, अलसी, अखरोट, समुद्री शैवाल, और सोयाबीन्स, भोजन पकाने में वनस्पति तेल या मक्खन के स्थान पर जैतून का तेल प्रयोग करें क्योंकि इसमें एक प्राकृतिक कम्पाउंड ओलियोकेंथल होता है जो आर्थराइटिस सम्बन्धी सूजन को रोकने में सहायक हो सकता है. विटामिन सी से समृद्ध आहार- अमरुद, शिमला मिर्च, संतरे, अंगूर, स्ट्रॉबेरीज, अन्नानास, कोल्हाबी, पपीता, नीबू, ब्रोकोली, केल(एक प्रकार की गोभी), आलू और ब्रसल अंकुरित आहार,