मासिक चक्र के पूर्व लक्षणों का समूह (प्रीमेंसट्रूअल सिंड्रोम, PMS): रोकथाम और जटिलताएं

मासिक चक्र के पूर्व लक्षणों का समूह (प्रीमेंसट्रूअल सिंड्रोम, PMS) – रोकथाम – पीएमएस को रोकने का कोई तरीका नहीं है लेकिन कुछ तरीके (संतुलित आहार, तनाव घटाना, नियमित व्यायाम आदि) हैं जो आप अपने लक्षणों को गंभीर होने की संभावना को कम करने के लिए अपना सकते हैं।.

मासिक चक्र के पूर्व लक्षणों का समूह (प्रीमेंसट्रूअल सिंड्रोम, PMS): घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज

मासिक चक्र के पूर्व लक्षणों का समूह (प्रीमेंसट्रूअल सिंड्रोम, PMS) – आहार – लेने योग्य आहार: रेशे की उच्च मात्रा वाले स्टार्चयुक्त आहार, जिनका शर्करा सूचकांक कम हो, अधिक मात्रा में लें – साबुत अनाज से बना दलिया और ब्रेड, होल वीट पास्ता, भूरा चावल, और अधिकतम तरह के फल और सब्जियाँ।
, ट्रिप्टोफेन के बढ़िया स्रोतों में माँस, पोल्ट्री उत्पाद, मछली, अंडे, पनीर, मेवे और गिरियाँ हैं।
, पीएमएस के लक्षणों को आरामदायक बनाए रखने में सहायता के लिए विटामिन बी6 से समृद्ध आहार लें जैसे कि चिकन, मछली (विशेषकर रूप से तैलीय मछली), नाश्ते हेतु दलिया, आलू, केले और मेवे।
,

मासिक चक्र के पूर्व लक्षणों का समूह (प्रीमेंसट्रूअल सिंड्रोम, PMS): लक्षण और कारण

मासिक चक्र के पूर्व लक्षणों का समूह (प्रीमेंसट्रूअल सिंड्रोम, PMS) – लक्षण – पीएमएस में अक्सर शारीरिक (थका हुआ महसूस करना, सूजे हुए स्तन) और भावनात्मक (चिंता और तनाव) दोनों प्रकार के लक्षण होते हैं।. मासिक चक्र के पूर्व लक्षणों का समूह (प्रीमेंसट्रूअल सिंड्रोम, PMS) – कारण – पीएमएस का निश्चित कारण अज्ञात है, लेकिन यह विभिन्न प्रकार के हार्मोन, जिसमें एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन सम्मिलित हैं, के ऊपर-नीचे होते हुए स्तरों से सम्बन्धित प्रतीत होता है।.

मासिक चक्र के पूर्व लक्षणों का समूह (प्रीमेंसट्रूअल सिंड्रोम, PMS): प्रमुख जानकारी और निदान

मासिक चक्र के पूर्व लक्षणों का समूह (प्रीमेंसट्रूअल सिंड्रोम-पीएमएस) यह नाम उन शारीरिक, मनोवैज्ञानिक और व्यवहार सम्बन्धी लक्षणों को दिया गया है जो किसी महिला के मासिक चक्र के एक या दो सप्ताह पहले उत्पन्न होते हैं। इसे मासिक चक्र के पूर्व का तनाव (पीएमटी) भी कहा जाता है।.

स्तन दर्द: प्रमुख जानकारी और निदान

स्तन दर्द अर्थात स्तन में या भुजा के निचले हिस्से (कांख) में होने वाली कोई असहजता, पीड़ा या दर्द और यह कई कारणों से उत्पन्न हो सकता है।.

स्तन दर्द: लक्षण और कारण

लक्षण दर्द की अनुभूति एक या दोनों स्तनों में हो सकती है, या केवल एक स्तन के किसी हिस्से में हो सकती है। दर्द की अनुभूति कांख या भुजा के उपरी हिस्से में भी हो सकती है। स्तन दर्द को निम्न प्रकार से समझाया जा सकता है: तीखा, तीव्र या उभरता हुआ दर्द। स्तन में भारीपन या भरा हुआ सा         और पढ़ें …

स्तन दर्द: घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज

स्तन दर्द – आहार – लेने योग्य आहार: विटामिन ई, बी6 और मैग्नीशियम से समृद्ध आहार लेने से स्तन दर्द को दूर करने में सहायता होती है। विटामिन ई से समृद्ध आहार जैसे पालक, ब्रोकोली, मछली, एवोकेडो, कद्दू, पपीता, कीवी, जैतून का तेल, गेहूं आदि, विटामिन बी6 के उत्तम स्रोतों में माँस, पोल्ट्री उत्पाद, अंगों का माँस, शक्तियुक्त दलिया मेवे, दालें, रतालू, पालक, गाजर, केले आदि हैं।

स्तन दर्द: रोकथाम और जटिलताएं

स्तन दर्द – रोकथाम – अधिकतर प्रकार के स्तन दर्द को रोकने के लिए वास्तव में कोई तरीका नहीं है, लेकिन सहारे हेतु उचित नाप और फिटिंग की ब्रा पहनना सहायक होता है।.

पिलोनिडल सिस्ट: प्रमुख जानकारी और निदान

पिलोनिडल साइनस (पीएनएस) छोटी थैलीनुमा रचना या घाव है जो कूल्हों के ऊपरी हिस्से में दरार पर होता है। यह तीव्र दर्द उत्पन्न करता है और अक्सर संक्रमित हो जाता है।.

पिलोनिडल सिस्ट: लक्षण और कारण

पिलोनिडल सिस्ट – लक्षण – रीढ़ की हड्डी के निचले हिस्से में दर्द, सूजन और लालिमा। घाव से पीप या रक्त का निकलना, जिससे दुर्गन्ध उत्पन्न हो। घाव से बाल का बाहर निकलना।. पिलोनिडल सिस्ट – कारण – पिलोनिडल सिस्ट की अधिकतर संख्या घर्षण और दबाव के कारण उत्पन्न होती पाई जाती है- त्वचा का त्वचा से रगड़ना, तंग कपड़े पहनना, साइकिल चलाना लम्बे समय तक बैठना या इसी तरह के अन्य कारण।.