धुकधुकी: प्रमुख जानकारी और निदान

ह्रदय धड़कना (धुकधुकी), ह्रदयगति की वो अनुभूति है जिससे आप एकाएक सतर्क हो जाते हैं, क्योंकि वे अनुभव कराती हैं मानों आपका ह्रदय धड़धड़ा रहा है, या भावनाएँ हिलोरें ले रही हैं।.

एटिलेक्टेसिस: प्रमुख जानकारी और निदान

एटिलेक्टेसिस हवा के लिए फेफड़ों में पाई जाने वाली थैलीनुमा रचना, जिसे अल्वेओली कहते हैं, का आंशिक या पूर्ण रूप से नष्ट हो जाने का नाम है।.

एटिलेक्टेसिस: लक्षण और कारण

एटिलेक्टेसिस लक्षण – साँस की गति तेज होना। साँस में कमी (डिस्निया)। उथली सांसें लेना। खाँसना।. एटिलेक्टेसिस कारण – एटिलेक्टेसिस हवा आने वाले मार्ग (ब्रोंकस या ब्रोंकिओल्स) में होने वाले अवरोध से या फेफड़े के बाहर से दबाव पड़ने पर उत्पन्न होता है। यह शल्यक्रिया के बाद या अस्पताल में भर्ती मरीजों में अत्यंत आम है।.

एटिलेक्टेसिस: घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज

एटिलेक्टेसिस आहार – लेने योग्य आहार इनसे परहेज करें: प्रतिदिन कम से कम 8 गिलास पानी या अन्य तरल पदार्थ लेने से फेफड़ों के स्राव को पतला करने में सहायता मिलती है जिससे उन्हें खांसकर बाहर निकालना सरल होता है। लहसुन में सूजनरोधी और जीवाणुरोधी गुण होते हैं जिनका प्रयोग फेफड़ों के उपचार हेतु किया जा सकता है। प्रतिदिन प्रातःकाल 3 से 4 सूखे हुए अंजीर खाना चाहिए क्योंकि सूखे अंजीर प्रतिरक्षक तंत्र को मजबूत करने के लिए बढ़िया होते हैं।

एटिलेक्टेसिस: रोकथाम और जटिलताएं

एटिलेक्टेसिस रोकथाम – धूम्रपान बंद करें। शराब सीमित मात्रा में लें। गहरे श्वास वाले व्यायाम करें।.

पित्ताशय की पथरी: रोकथाम और जटिलताएं

पित्ताशय की पथरी – रोकथाम – व्यायाम नियमित करें। फलों, सब्जियों, साबुत अनाजों, और कम-वसा युक्त डेरी उत्पादों से युक्त संतुलित आहार लें। उच्च वसा युक्त भोज्य पदार्थ न लें।.

पित्ताशय की पथरी: घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज

पित्ताशय की पथरी – आहार – लेने योग्य आहार: फल और सब्जियों की अधिक मात्रा। स्टार्च युक्त कार्बोहाइड्रेट्स की अधिक मात्रा। उदाहरण के लिए ब्रेड, चावल, दालें, पास्ता, आलू, चपाती और प्लान्टेन (केले जैसा आहार)। जब संभव हो तब साबुत अनाजों से बनी वस्तुएं लें। थोड़ी मात्रा में दुग्ध और डेरी उत्पाद लें। कम वसा वाले डेरी उत्पाद चुनें।

पित्ताशय की पथरी: लक्षण और कारण

पित्ताशय की पथरी – लक्षण – आपके दाहिनी तरफ पेट के समीप हिस्से में और पीछे पीठ में एकाएक तीव्र दर्द होना जो कि कई घंटों तक बना रहता है। बीमार अनुभव करना। तेज बुखार, कंपकंपी और पसीना आना। त्वचा और आँखों के सफ़ेद हिस्से का पीला पड़ना (पीलिया)।. पित्ताशय की पथरी – कारण – पित्त की उत्पत्ति करने वाले पदार्थों में हुए असंतुलन से पित्त की पथरी का निर्माण होता है।.

पित्ताशय की पथरी: प्रमुख जानकारी और निदान

पित्ताशय की पथरी इसी द्रव के इकठ्ठा होने से बना सख्त हिस्सा है जो पित्ताशय में उत्पन्न होता है।.

निकट दृष्टिदोष (मायोपिया): रोकथाम और जटिलताएं

निकट दृष्टिदोष (मायोपिया) – रोकथाम – रोग का शीघ्र निर्धारण और चिकित्सा।.