ल्यूकोडर्मा, विटिलिगो (सफ़ेद दाग) – रोकथाम – स्वच्छ रहें। सूती वस्त्र पहनें। धूम्रपान, शराब, स्टेरोइड्स, लगाने की दवाएँ, खट्टी वस्तुएँ उपयोग में ना लें।.
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गुर्दे की पथरी: रोकथाम और जटिलताएं
गुर्दे की पथरी – रोकथाम – 8 से 10 गिलास पानी पियें, पशुजन्य प्रोटीन, अधिक नमक का सेवन और पथरीकारक आहार ना लें। डॉक्टर से गुर्दे की पथरी के बारे में उचित जानकारी प्राप्त करें।.
गुर्दे की पथरी: घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज
गुर्दे की पथरी – आहार – लेने योग्य आहार: तरल पदार्थ अधिक मात्रा में लें विशेषकर पानी।
, नीबू का शरबत
, रेशे से समृद्ध आहार
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गुर्दे की पथरी: लक्षण और कारण
गुर्दे की पथरी – लक्षण – पीठ, पेट और जांघ में तीव्र दर्द। दर्द्युक्त मूत्रत्याग। मूत्र में रक्त होना। मतली और उल्टी। दुर्गन्ध और झाग युक्त मूत्र।. गुर्दे की पथरी – कारण – मूत्र में लवण (नमक अथवा साल्ट) और खनिजों के सामान्य संतुलन में बदलाव। शऱीर में पानी की कमी, दवाएँ और रोग, अनुवांशिकता.
गुर्दे की पथरी: प्रमुख जानकारी और निदान
मूत्र में कई अपशिष्ट रसायन घुले होते हैं। ये रसायन कभी-कभी मूत्र में बारीक कण बना लेते हैं जो आपस में इकठ्ठा होकर छोटे पत्थरनुमा रचना में बदल जाते हैं।.
इरिटेबल बोवेल सिंड्रोम (अनियमित मलत्याग): लक्षण और कारण
इरिटेबल बोवेल सिंड्रोम (अनियमित मलत्याग) – लक्षण – पेट में दर्द, पेट का फूलना, अतिसार अथवा कब्ज, मल में आँव, पूरी तरह मलत्याग ना होने का एहसास।. इरिटेबल बोवेल सिंड्रोम (अनियमित मलत्याग) – कारण – शारीरिक कारण। आहार सम्बन्धी संवेदनशीलता। मस्तिष्क और आंत में संकेतों की समस्या।.
इरिटेबल बोवेल सिंड्रोम (अनियमित मलत्याग): घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज
इरिटेबल बोवेल सिंड्रोम (अनियमित मलत्याग) – आहार – लेने योग्य आहार इनसे परहेज करें: घुलनशील रेशे वाले आहार (जई, जौ, केले, सेब, गाजर, आलू आदि)।
, पीली अलसी
, फल और सब्जियाँ
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इरिटेबल बोवेल सिंड्रोम (अनियमित मलत्याग): रोकथाम और जटिलताएं
इरिटेबल बोवेल सिंड्रोम (अनियमित मलत्याग) – रोकथाम – भोजन की समस्या से बचें, नियमित व्यायाम करें। आहार छोटे हिस्सों में लें, तनाव घटाने हेतु परामर्श लें, रेशेदार आहार अधिक लें.
इरिटेबल बोवेल सिंड्रोम (अनियमित मलत्याग): प्रमुख जानकारी और निदान
आइबीएस पाचन तंत्र की कार्यप्रणाली में लम्बे समय से या बार-बार उत्पन्न परिवर्तनों के कारण उत्पन्न हुआ विकार है। आइबीएस कोई रोग नहीं है, बल्कि यह एक साथ होने वाले कई लक्षणों का समूह है।.
पाइल्स – बवासीर, हीमोराइड्स: घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज
हीमोराइड्स – बवासीर, पाइल्स – आहार – लेने योग्य आहार: तरल (शराब नहीं) अधिक मात्रा में लें कम से कम 8 गिलास प्रतिदिन।
, भोज्य रेशे की उच्च मात्रा वाले आहार हीमोराइड्स के उत्पन्न होने की संभावना को घटाते हैं।
, उत्तम भोज्य रेशे के स्रोत हैं:
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