ओस्टेइटिस प्यूबिस: घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज

ओस्टेइटिस प्यूबिस – व्यायाम – स्ट्रेच वाले व्यायाम (माँसपेशियों और तंत्रिकाओं का)। मजबूती देने वाले व्यायाम (ओपन काइनेटिक चैन, क्लोज्ड काइनेटिक चैन, कार्यक्षमता सम्बन्धी और खेल सम्बन्धी)। विशिष्ट रूप से स्थायित्व प्रदान करने वाले व्यायाम (पिलेट)।

ओस्टेइटिस प्यूबिस: रोकथाम और जटिलताएं

ओस्टेइटिस प्यूबिस – रोकथाम – कूल्हे पर चोट ना लगने दें। स्वस्थ बने रहें।.

घुटने का भीतरी रूप से अव्यवस्थित होना (IDK): रोकथाम और जटिलताएं

घुटने का भीतरी रूप से अव्यवस्थित होना (IDK) – रोकथाम – आपके घुटने के दर्द को बढ़ाने वाली गतिविधियां ना करें, खासकर आपके घुटने को केन्द्रित करके खेले जाने वाले या उसे मोड़ने वाले खेल।.

घुटने का भीतरी रूप से अव्यवस्थित होना (IDK): लक्षण और कारण

घुटने का भीतरी रूप से अव्यवस्थित होना (IDK) – लक्षण – दर्द, खट-ख़ट की अनुभूति। सूजन और जकड़न, अस्थिरता. घुटने का भीतरी रूप से अव्यवस्थित होना (IDK) – कारण – प्रमुख कारण है क्षतिग्रस्त मेनिस्कस।.

घुटने का भीतरी रूप से अव्यवस्थित होना (IDK): घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज

घुटने का भीतरी रूप से अव्यवस्थित होना (IDK) – आहार – लेने योग्य आहार: अपने कार्टिलेज की चोट को ठीक करने के लिए अपने आहार में फल और सब्जियों की अधिक मात्रा को जोड़ें, जो कि एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होते हैं। विटामिन सी युक्त वस्तुओं को अपने कार्टिलेज के सुधार या मरम्मत हेतु लिए जाने वाले आहार का हिस्सा बनाएँ। कोलेजन, यह वह आवश्यक प्रोटीन है जो तंतुओं और लिगामेंट्स का संरचनागत आधार निर्मित करता है, इसे उत्पन्न करने में अपनी भूमिका के चलते यह विटामिन सभी संयोजी ऊतकों की मरम्मत में सहायक होता है। उच्च-गुणवत्ता वाले प्रोटीन स्रोत जैसे सैलमन और लीन मीट्स आदि, हड्डियों, तंतुओं, उपास्थियों, और विभिन्न लिगामेंट के ऊतकों की मरम्मत हेतु प्रोटीन प्रदान करते हैं।

घुटने का भीतरी रूप से अव्यवस्थित होना (IDK): प्रमुख जानकारी और निदान

घुटने का भीतरी रूप से अव्यवस्थित होना ये एक दीर्घकालीन स्थिति है.

मायेस्थेनिया ग्रेविस: रोकथाम और जटिलताएं

मायेस्थेनिया ग्रेविस – रोकथाम – धीमे-धीमे खाएँ और कौर लेने में विराम लें। आँख पर सुरक्षा पट्टी पहनें। अत्यंत गर्म तापमान से बचाव करें। धूम्रपान ना करें।.

मायेस्थेनिया ग्रेविस: प्रमुख जानकारी और निदान

मायेस्थेनिया ग्रेविस (एमजी) दीर्घकालीन स्व-प्रतिरक्षी रोग है जो माँसपेशियों को कमजोर कर देता है। यह नाम ग्रीक और लैटिन भाषा के शब्दों से बना है जिनका अर्थ है “महत्वपूर्ण माँसपेशियों की कमजोरी”।.

मायेस्थेनिया ग्रेविस: लक्षण और कारण

मायेस्थेनिया ग्रेविस – लक्षण – कमजोर माँसपेशियाँ। कमजोरी जो आराम करने से ठीक हो जाती है और शारीरिक गतिविधि के बाद अधिक बदतर हो जाती है। दृष्टि सम्बन्धी अवरोध जैसे दोहरा दिखाई देना, दृष्टि को स्थिर कर पाने की असमर्थता और निर्जीव पलकें। थकावट. मायेस्थेनिया ग्रेविस – कारण – मायेस्थेनिया ग्रेविस माँसपेशियों को तंत्रिकाओं के संकेतों के प्रसारण सम्बन्धी समस्या से उत्पन्न होता है। यह स्व-प्रतिरक्षी स्थिति है अर्थात इसमें शरीर का प्रतिरक्षा तंत्र अपने शरीर के ही ऊतकों पर आक्रमण करता है।.

मायेस्थेनिया ग्रेविस: घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज

मायेस्थेनिया ग्रेविस – आहार – लेने योग्य आहार: प्रोटीन से समृद्ध आहार जैसे फलियाँ, काबुली चने, आर्गेनिक फ्री-रेंज चिकन, कच्चे बादाम, कच्चे मेवे, सूरजमुखी के बीज, अखरोट, बादाम युक्त मख्खन/कच्चे बादाम युक्त मख्खन। सब्जियाँ/औषधीय गुणों वाली वनस्पति जैसे केल, पालक, लेट्यूस, ककड़ी, अजमोदा, प्याज, लहसुन, धनिया, अजवाइन, अदरक, हल्दी, टमाटर, कद्दू (बटरनट, स्पागेटी, केबोचा), जड़युक्त सब्जियाँ (चुकंदर, शलजम, गाजर, रूटाबेगा, शक्करकंद)। सुगंधित मसाले जैसे एक्स्ट्रा वर्जिन जैतून का तेल/नारियल का तेल, मिर्च, हल्दी, अदरक, इलायची, सेब का सिरका।