माएल्जिया – माँसपेशियों का दर्द – लक्षण – प्रभावित मांसपेशी में दर्द। जोड़ों का दर्द। मांसपेशी में ऐंठन।. माएल्जिया – माँसपेशियों का दर्द – कारण – चोट या आघात। किसी मांसपेशी का अधिक उपयोग। तनाव या खिंचाव। कुछ दवाएँ और संक्रमण। स्व-प्रतिरक्षी विकार।.
Category: हड्डी और मांसपेशी
माएल्जिया – माँसपेशियों का दर्द: प्रमुख जानकारी और निदान
माएल्जिया अर्थात “माँसपेशियों का दर्द” होता है और यह कई रोगों और विकारों का लक्षण होता है। दर्द किसी विशेष क्षेत्र में हो सकता है या ये आपके पूरे शरीर में हो सकता है।.
लूम्बेगो (कमर दर्द): रोकथाम और जटिलताएं
लूम्बेगो (कमर दर्द) – रोकथाम – कमर को स्वस्थ व मजबूत रखने के लिए व्यायाम करें। अपनी कमर को बचाने के लिए चीजों को सही और सुरक्षित रूप से उठाना सीखें। बैठते समय अपनी कमर की सुरक्षा रखें। सोने की अलग-अलग मुद्राएँ अपनाएँ।.
लूम्बेगो (कमर दर्द): लक्षण और कारण
लूम्बेगो (कमर दर्द) – लक्षण – दर्द, माँसपेशियों में तनाव और कमर में जकड़न। दर्द का एक अथवा दोनों पैरों में उतरना।. लूम्बेगो (कमर दर्द) – कारण – लूम्बेगो, कमर के जोड़ों की भीतरी टूट-फूट या अत्यधिक कार्य करने या जोड़ों का अत्यधिक उपयोग करने से, जोड़ों की सतह पर आई विकृति के परिणामस्वरूप होता हुआ पाया जाता है।.
लूम्बेगो (कमर दर्द): घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज
लूम्बेगो (कमर दर्द) – आहार – लेने योग्य आहार आप अपने शरीर को स्वास्थ्यवर्धक आहार लेकर उचित आकार में रख सकते हैं जैसे फल, सब्जियाँ और साबुत अनाज आदि। ऐसे आहार चुनें जिनमें संतृप्त वसा और शक्कर का स्तर कम हो। पानी अधिक मात्रा में पियें।: कमर के स्वास्थ्य को बनाए रखने में विटामिन डी अत्यंत उपयोगी सिद्ध हुआ है। विटामिन डी, “सनशाइन” विटामिन की कमी, कमर के दर्द में योगदान दे सकती है। सूर्य के प्रकाश द्वारा और मछली, दूध, अंडे, दलिया द्वारा विटामिन डी की पर्याप्त मात्रा लें।
, विटामिन सी, जिसे एस्कोर्बिक एसिड भी कहते हैं, ऐसा विटामिन है जो कमर दर्द में सहायता करता है। हरी पत्तेदार सब्जियाँ, ब्रोकोली, फूलगोभी, ब्रसेल्स स्प्राउट्स, पपीता, स्ट्रॉबेरी आदि सभी विटामिन सी से भरपूर होते हैं।
, विटामिन बी1, बी6, और बी12 आपके कमर दर्द को काफी कम कर सकते हैं। पालक, गाजर, फलियाँ और साबुत अनाजों में ये विटामिन अधिक मात्रा में पाए जाते हैं।
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लूम्बेगो (कमर दर्द): प्रमुख जानकारी और निदान
लूम्बेगो कमर में या लम्बर क्षेत्र में होने वाले मध्यम से तीव्र दर्द या पीड़ा को कहते हैं।.
कॉस्टोकोंड्राइटीस (पसली में सूजन): लक्षण और कारण
कॉस्टोकोंड्राइटीस (पसली में सूजन) – लक्षण – पसलियों और छाती की हड्डियों के जोड़ के स्थान पर दर्द और असहनीयता। सूजन। छाती में जकड़न।. कॉस्टोकोंड्राइटीस (पसली में सूजन) – कारण – शारीरिक आघात। वायरल, बैक्टीरियल और फफूंद के संक्रमण। आर्थराइटिस जैसे रोग।.
कॉस्टोकोंड्राइटीस (पसली में सूजन): घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज
कॉस्टोकोंड्राइटीस (पसली में सूजन) – आहार – किसी विशेष आहार की आवश्यकता नहीं होती है। लेकिन सूजन रोधी, विटामिन युक्त आहार स्वास्थ्य के लिए अच्छे होते हैं।
, माँस, शराब और तली वस्तुओं से परहेज।
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कॉस्टोकोंड्राइटीस (पसली में सूजन): रोकथाम और जटिलताएं
कॉस्टोकोंड्राइटीस (पसली में सूजन) – रोकथाम – फिर से आघात लगने से बचें। संक्रमणों का इलाज जल्द-से-जल्द करें। शल्यक्रिया के बाद जल्दी चलें-फिरें।.
कॉस्टोकोंड्राइटीस (पसली में सूजन): प्रमुख जानकारी और निदान
कॉस्टोकोंड्राइटीस उन जोड़ वाली जगहों की सूजन है जहाँ ऊपरी पसलियाँ उस उपास्थि (कार्टिलेज) से जुड़ती हैं, जो उन्हें छाती की हड्डी (स्टर्नम) से जोड़ता है।.