बाइपोलर डिसऑर्डर, जिसे उन्माद-अवसादी रोग भी कहा जाता है, मस्तिष्क का विकार है जो मिजाज, ऊर्जा, गतिविधि का स्तर, और दिन-प्रतिदिन के कार्यों को करने की क्षमता में असामान्य परिवर्तन उत्पन्न करता है।.
Category: दिमाग और तंत्रिका
बाइपोलर डिसऑर्डर: लक्षण और कारण
बाइपोलर डिसऑर्डर – लक्षण – बाइपोलर डिसऑर्डर के लक्षण इस बात पर निर्भर करते हैं कि व्यक्ति, उन्माद या अवसाद, किस स्थिति में है। ये स्थितियां कुछ दिनों से लेकर कुछ महीनों तक चलने वाली हो सकती हैं। अत्यंत कम मामलों में, उन्माद और अवसाद दोनों के लक्षण, एक ही समय में तेजी से बदलते हुए होते हैं। इसे मिश्रित प्रकरण या चक्र कहा जाता है।. बाइपोलर डिसऑर्डर – कारण – अनुवांशिकता, जैव विभिन्नता, मस्तिष्क में प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले रसायनों, जिन्हें न्यूरोट्रांसमीटर्स कहते हैं, में असंतुलन। तनाव, अपमान, अत्यंत बड़ी हानि या आघात के अनुभव आदि भी बाइपोलर डिसऑर्डर में अपनी भूमिका निभाते हैं।.
पार्किन्सन्स: प्रमुख जानकारी और निदान
पार्किन्सनिस्म तंत्रिका सम्बन्धी विकार समूह है जो कम्पन, गति के धीमेपन, अकड़न तथा शारीरिक भंगिमा के अस्थायित्व से प्रदर्शित होता है।.
पार्किन्सन्स: लक्षण और कारण
पार्किन्सन्स लक्षण – नियंत्रित गतिविथियों का धीमा पड़ना। चेहरे के भावों और आँखों के झपकने में कमी आना। बोलने में एकरूपता होना। पैर घसीटते हुए चलना।. पार्किन्सन्स कारण – यह विकार डोपामाइन उत्पन्न करने वाली तंत्रिका कोशिकाओं (डोपामिनर्जिक कोशिकाओं) की क्षति या उनके नष्ट होने से होता है, जो मस्तिष्क के लिए माँसपेशियों की गति पर नियंत्रण और संयोजन को कठिन कर देता है।.
पार्किन्सन्स: घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज
पार्किन्सन्स आहार – लेने योग्य आहार: उच्च रेशा युक्त आहार जैसे सब्जियाँ, पकी हुई सूखी मटर और फलियाँ (दालें), साबुत अनाज के आहार, चोकर, दलिया, पास्ता, चावल और ताजे फल, पानी अधिक मात्रा में पियें। हलके, मृदु आहार लें (जैसे नमकीन क्रैकर्स या सादी ब्रेड)।
पार्किन्सन्स: रोकथाम और जटिलताएं
पार्किन्सन्स रोकथाम – सावधानी से चलें। विटामिन सी और डी के पूरकों का सेवन। चुस्त बने रहने के लिए नियमित व्यायाम और योग करें।.
सिक बिल्डिंग सिंड्रोम (SBS): घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज
सिक बिल्डिंग सिंड्रोम (एसबीएस) ऐसी स्थिति है जिसमें किसी बड़े भवन के रहवासी, भवन में बिताए समय के दौरान, तीव्र स्वास्थ्य समस्या का अनुभव करते हैं। इसके पीछे कोई निश्चित रोग या कारण नहीं खोजा जा सकता है।
ये शिकायतें किसी विशेष कमरे या क्षेत्र की हो सकती हैं या पूरे भवन में फैली हुई हो सकती हैं।
सिक बिल्डिंग सिंड्रोम (SBS): रोकथाम और जटिलताएं
सिक बिल्डिंग सिंड्रोम (SBS) – रोकथाम – हवा की उचित आवा-जाही का पर्याप्त प्रबंध करें। प्रदूषण स्रोत को हटाएँ। भवन निर्माण सही प्रकार और उचित रूप में किया जाना चाहिए ताकि उसमें स्थान और निर्माण सम्बन्धी कोई त्रुटि ना हो।.
सिक बिल्डिंग सिंड्रोम (SBS): प्रमुख जानकारी और निदान
सिक बिल्डिंग सिंड्रोम (एसबीएस) ऐसी स्थिति है जिसमें किसी बड़े भवन के रहवासी, भवन में बिताए समय के दौरान, तीव्र स्वास्थ्य समस्या का अनुभव करते हैं।.
सिक बिल्डिंग सिंड्रोम (SBS): लक्षण और कारण
सिक बिल्डिंग सिंड्रोम (SBS) – लक्षण – नाक, कान और और गले का संक्रमण। थकावट, सिरदर्द और चक्कर आना। विभिन्न तरह के दर्द। बेचैनी और अवसाद।. सिक बिल्डिंग सिंड्रोम (SBS) – कारण – मोटर वाहनों के धुएँ, पानी निकलने के छिद्रों, और भवन के निकास (शौचालय और रसोईघर) से निकले प्रदूषक तत्व। अपर्याप्त रूप से हवादार होना। पूरे दिन के दौरान तापमान परिवर्तित होना। अनुचित और कम प्रकाश होना।.