ऊँचाई की बीमारी (पहाड़ों पर जी मिचलाना): रोकथाम और जटिलताएं

रोकथाम (बचाव)

  • दिन में आप जहाँ थे, रात में उस ऊँचाई से नीची जगह पर सोएँ।
  • कार्बोहायड्रेट से समृद्ध आहार अधिक मात्रा में लें।
  • विश्राम करें और ढेर सारे तरल पदार्थ लें।
  • पर्वत पर धीरे-धीरे चढ़ें।
  • यदि रक्ताल्पता हो तो आयरन के पूरक आहार लें।
  • लगभग 2,500 मीटर की ऊँचाई के लिए उचित अभ्यास होना (एक्लाइमेटाईज़ेशन- नई ऊँचाई, नए तापमान, नए मौसम और नए वातावरण का अभ्यस्त होना)।
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ध्यान देने की बातें

  • एटेक्सिया (सीधे चलने में असमर्थता)।
  • नीले अथवा हलके काले होंठ या नाखून।

डॉक्टर को कब दिखाएँ

अपने डॉक्टर से संपर्क करें यदि आपको
  • खाँसी में खून हो।
  • गंभीर श्वास समस्या हो।
  • झटके आते हों (फिट्स)।
  • एक वस्तु की दो आकृतियाँ दिखाई देती हों।




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