भगंदर: घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज

परहेज और आहार

लेने योग्य आहार
  • अधिक मात्रा में सब्जियाँ, गेहूँ का चोकर, साबुत अनाज की ब्रेड और दलिया तथा फल लें। यह निश्चित करें कि आप पर्याप्त मात्रा में पानी – छः से आठ गिलास प्रतिदिन – ले रहे हैं। अपर्याप्त मात्रा में तरल पदार्थ लेने से कब्ज में बढ़ोतरी होती है।
  • गाजर, अन्नानास और संतरे का कच्चा रस पियें।
  • सेब, अन्नानास, संतरे, आडू, नाशपाती, अंगूर और पपीता सेवन हेतु उत्तम वस्तुएँ हैं।
  • पर्याप्त मात्रा में मेवे, शीरा, दालें, फलियाँ, हरी पत्तेदार सब्जियाँ, टमाटर, पत्तागोभी, प्याज आदि का सेवन करें।
इनसे परहेज करें
  • मैदे और शक्कर से बने उत्पाद बिलकुल ना लें। इनमें बिस्कुट, केक्स, पेस्ट्रीज आदि आते हैं।
  • चावल, पनीर, परिरक्षक भी अस्वास्थ्यकारी होते हैं।

योग और व्यायाम

30 मिनट तक मध्यम-तीव्रता वाले व्यायाम या पैदल चलने से आँतों की नियमित गतिविधि और मलत्याग होता है, जिससे मल की अधिक मात्रा संचित होकर सख्त या कड़क नहीं हो पाती और इसका त्याग भी कठिनाई भरा नहीं होता।
मध्यम-तीव्रता के अन्य व्यायामों में वेक्यूम क्लीनर द्वारा सफाई और घास काटना आदि आते हैं।
स्नान व्यायाम- इस व्यायाम द्वारा क्षेत्र में रक्त संचार बढ़ता है, जिससे ठीक होने में वृद्धि होती है। शुरू करने के लिए, गर्म पानी से टब को अधिकतम संभव स्थिति तक भर लें। टब में बैठने के दौरान, गुदा में मल के त्याग को रोकने वाली पेशी को सिकोड़ लें। इसके पश्चात् इस पेशी को ढीला छोड़ने पर ध्यान केन्द्रित करें। टब में बैठे रहने के दौरान प्रत्येक 5 मिनटों में सिकोड़ने और ढीला छोड़ने की क्रिया दोहराएँ। दिन में तीन बार टब में स्नान करें, और प्रत्येक स्नान के दौरान इस व्यायाम को करें।

योग
भगंदर में आराम देने वाले योगासनों में हैं:
  • धनुरासन
  • पवनमुक्तासन
  • त्रिकोणासन

घरेलू उपाय (उपचार)

  • पानी अधिक मात्रा में पियें।
  • व्यायाम नियमित करें।
  • प्रतिदिन स्नान करें और प्रत्येक मलत्याग के बाद अपने कमर व कूल्हे के क्षेत्र को अच्छी तरह से स्वच्छ करें।
  • अपने प्रतिदिन के आहार में रेशे की मात्रा बढ़ाएं।
  • प्रतिदिन सिट्ज़ बाथ (दिन में दो से तीन बार, 10 से 15 मिनटों के लिए, गुदा के क्षेत्र को गर्म पानी में डुबोकर रखें) लेने से दर्द को कम करने और गुदा की सफाई करने में सहायता होती है।




भगंदर, गुदा के समीप त्वचा का फटना, गुदा में दर्द, मलत्याग के पश्चात दर्द होना, गुदा से रक्तस्राव, गुदा से रक्त, दर्द्युक्त मलत्याग, भगंदर – आयुर्वेदिक दवा और इलाज, Anal Fissure rog, Anal Fissure ka gharelu upchar, upay, Anal Fissure me parhej, Anal Fissure ka ilaj, Anal Fissure ki dawa, Anal Fissure treatment in hindi,