एंगुलर चेइलिटिस क्या है?
एंगुलर चेइलिटिस ऐसी स्थिति है जिसमें मुँह का एक या दोनों सिरे सूजे हुए या उत्तेजित होते हैं। इसे चेइलोसिस, एंगुलर स्टोमेटाइटिस या पर्लेची भी कहा जाता है, और यह नमी की उपस्थिति में मुँह के किनारों की त्वचा या मुँह की परत की सूजन द्वारा प्रकट होता है।रोग अवधि
एंगुलर चेइलिटिस के औसत मामले उपचार ना किये जाने पर कुछ दिनों से लेकर कई सप्ताहों में पूरी तरह ठीक होते हैं।जाँच और परीक्षण
रोग का निर्धारण मुख्यतः शारीरिक परीक्षण से होता है और फाहे की जाँच का आदेश दिया जा सकता है।डॉक्टर द्वारा आम सवालों के जवाब
1. एंगुलर चेइलिटिस क्या है?
चेइलिटिस अर्थात वह स्थिति जिसमें होंठ सूज जाएँ और उत्तेजित हो जाएँ। एंगुलर अर्थात किनारा या कोण। इसलिए एंगुलर चेइलिटिस का शब्दशः अर्थ है मुँह के किनारों या भीतर सूजन और उत्तेजना होना। इसे चेइलोसिस, एंगुलर स्टोमेटाइटिस या पर्लेची भी कहा जाता है, और यह नमी की उपस्थिति में मुँह के किनारों की त्वचा या मुँह की परत की सूजन द्वारा प्रकट होता है।
2. इसके लक्षण क्या हैं?
एंगुलर चेइलिटिस मुँह के किनारों पर पाया जाता है। एंगुलर चेइलिटिस का रोगी मुँह के किनारों का लालिमा के साथ तड़कना और फटना, खाते समय या मुँह को चौड़ा खोलते समय असुविधा होना, छाले होना, पीप निकलना या ऊतकों का नरम तथा पीड़ायुक्त होना आदि का अनुभव कर सकता है।
3. एंगुलर चेइलिटिस उत्पन्न होने के क्या कारण हैं?
जब दांतों के अनुचित अवरोध के कारण मुँह के किनारे की त्वचा में मुड़ने से उत्पन्न स्थान बन जाता है, मुँह के किनारों पर लार के इकट्ठे होने से सूक्ष्मजीवी जैसे स्टेफायलोकोकस और फफूंद अत्यधिक वृद्धि करते हैं और एंगुलर चेइलिटिस तक पहुँच जाते हैं।
4. ऐसे रोग से पीड़ित होने पर व्यक्ति को क्या करना चाहिए?
व्यक्ति के लिए अपने होंठों को नमक के पानी में कुछ मिनट के लिए डुबोकर रखना सहायक होता है क्योंकि यह ठीक होने की अवधि को कम करता है। होठों पर शहद या नीबू लगाना सहायक होता है। अधिक मात्रा में पानी पीने से आपके रोग को ठीक होने में सहायता मिलती है। यह आपके शुष्क और खुरदुरे होठों पर उचित प्रभाव डालता है। प्रतिदिन लगभग 10 से 12 गिलास पानी पियें। मुँह के तड़के हुए हिस्सों पर एलो वेरा जेल लगाने से दर्द को कम करने में सहायता मिलती है। शुष्कता को रोकने के लिए मॉइस्चराइजर और लिप बाम का प्रयोग करें।
5. व्यक्ति को डॉक्टर से संपर्क कब करना चाहिए?
डॉक्टर से संपर्क करें यदि घरेलू चिकित्सा के बाद भी घाव बेहतर नहीं हो रहे हैं या यदि वे दर्द्युक्त, सूजे हुए और उत्तेजित हैं।