एटिलेक्टेसिस: लक्षण और कारण

लक्षण

यदि फेफड़े का बड़ा हिस्सा नष्ट हुआ है तो होने वाले लक्षणों में हैं:
  • साँस की गति तेज होना।
  • साँस में कमी (डिस्निया)।
  • उथली सांसें लेना।
  • खाँसना।
  • हल्का बुखार होना।
  • ह्रदय गति तेज होना।
  • छाती में दर्द होना।
  • होंठों या नाखूनों पर नीलापन होना।
  • साँस लेते समय आवाज होना।

कारण

एटिलेक्टेसिस हवा आने वाले मार्ग (ब्रोंकस या ब्रोंकिओल्स) में होने वाले अवरोध से या फेफड़े के बाहर से दबाव पड़ने पर उत्पन्न होता है। यह शल्यक्रिया के बाद या अस्पताल में भर्ती मरीजों में अत्यंत आम है।
एटिलेक्टेसिस का खतरा उत्पन्न करने वाले कारकों में हैं:
  • बेहोश किया जाना।
  • साँस के मार्ग में बाहरी वस्तु की उपस्थिति (बच्चों में अत्यंत आम समस्या है)।
  • फेफड़े का रोग।
  • बलगम जो श्वास मार्ग को जकड़ देता है।
  • बिस्तर पर लम्बे समय तक किया गया आराम।
  • उथला श्वसन (जो कि दर्द्युक्त श्वास के कारण उत्पन्न हो सकता है)।
  • ऐसा ट्यूमर जो श्वास मार्ग को अवरुद्ध कर देता है।




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