परहेज और आहार
लेने योग्य आहार
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प्रतिदिन कम से कम 8 गिलास पानी या अन्य तरल पदार्थ लेने से फेफड़ों के स्राव को पतला करने में सहायता मिलती है जिससे उन्हें खांसकर बाहर निकालना सरल होता है।
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लहसुन में सूजनरोधी और जीवाणुरोधी गुण होते हैं जिनका प्रयोग फेफड़ों के उपचार हेतु किया जा सकता है।
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प्रतिदिन प्रातःकाल 3 से 4 सूखे हुए अंजीर खाना चाहिए क्योंकि सूखे अंजीर प्रतिरक्षक तंत्र को मजबूत करने के लिए बढ़िया होते हैं।
इनसे परहेज करें
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रिफाइंड और प्रोसेस्ड आहार।
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वसा और जंक फूड्स।
योग और व्यायाम
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गहरे-श्वसन वाले व्यायामों से अपने फेफड़ों की कार्यक्षमता को बढ़ाएँ और फेफड़े के नष्ट होने के खतरे को कम करें।
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साँस की कमी के अनुभव, जो कि फेफड़े के रोगों से ग्रस्त व्यक्तियों में अत्यंत आम है पर विजय पाने के लिए और फेफड़ों की कार्यक्षमता को बढ़ाने के लिए होंठों को बंद रखकर श्वास का अभ्यास करें।
घरेलू उपाय (उपचार)
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लम्बे समय तक बिस्तर पर रहे व्यक्ति को गति करने के लिए और गहरा श्वास लेने के लिए प्रोत्साहित करें।
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अपने शरीर को ऐसी स्थिति में रखें जिसमें आपका सिर आपकी छाती से नीचे की तरफ रहे (इसे पोस्चुरल ड्रेनेज कहते हैं)। यह आपके फेफड़ों के निचले हिस्से से बलगम को अधिक बेहतर तरीके से बाहर निकालता है।
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खाँसी लेने को प्रोत्साहित करें।
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छाती पर थपकी दें ताकि हवा लेने के मार्ग में इकठ्ठा बलगम ढीला हो सके।
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यदि पूरे समय बिस्तर पर आराम कर रहे हैं तो अपने शरीर की स्थितियों को बदलते रहें। अलग स्थिति में परिवर्तित होने से फेफड़ों में उपस्थित बलगम को बाहर निकालने में सहायता होती है।
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अपने फेफड़ों का विस्तार करने के लिए और एटिलेक्टेसिस का उपचार करने के लिए हर घंटे में कई बार गहरी सांसें लें।
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