एथेरोस्क्लेरोसिस – धमनियाँ सख्त होना: प्रमुख जानकारी और निदान

एथेरोस्क्लेरोसिस – धमनियाँ सख्त होना क्या है?

एथेरोस्क्लेरोसिस (या अर्टेरियोस्क्लेरोटिक वैस्कुलर डिजीज) ऐसी स्थिति है जहाँ धमनियाँ, अपने भीतर अत्यधिक मात्रा में प्लाक निर्मित हो जाने के कारण, सख्त हो जाती हैं।
धमनियाँ वे रक्तवाहिनियाँ हैं जो ह्रदय से ऑक्सीजन और अन्य पोषक तत्व शरीर के शेष हिस्सों तक ले जाती है। समय बीतने के साथ प्लाक (कोलेस्ट्रॉल, वसा पदार्थ, कोशिकाओं का अनुपयोगी पदार्थ, कैल्शियम और फाइब्रिन से निर्मित) धमनियों को कड़ा और संकरा कर देता है। इसके कारण शरीर के विभिन्न हिस्सों में रक्तप्रवाह अवरुद्ध हो जाता है। इससे रक्त के थक्कों का निर्माण होता है, जिनका परिणाम जीवन के लिए खतरा उत्पन्न करने वाली स्थितियाँ जैसे हृदयाघात, मस्तिष्क आघात (स्ट्रोक) और ह्रदय की नसों से सम्बंधित अन्य रोग होते हैं।

जाँच और परीक्षण

रोग का निर्धारण रोगी के चिकित्सीय इतिहास, जांच परिणामों और शारीरिक परीक्षण के आधार पर होता है। निर्धारण हेतु की जाने वाली अन्य जांचों में हैं:
  • विभिन्न रक्त परीक्षण।
  • इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम।
  • छाती का एक्स-रे।
  • एंकल/ब्रेकिअल इंडेक्स।
  • इकोकार्डियोग्राफी।
  • सीटी स्कैन




अर्टेरियोस्क्लेरोसिस, एथेरोस्क्लेरोसिस, अर्टेरियोस्क्लेरोटिक वैस्कुलर डिजीज, अर्टेरियोस्क्लेरोटिक वैस्कुलर डिजीज-एएसवीडी, धमनी में थक्के, रक्त के थक्के, विभिन्न प्लाक, रक्त में कोलेस्ट्रॉल की बढ़ी हुई मात्रा, मोटापा, एथेरोस्क्लेरोसिस – धमनियाँ सख्त होना डॉक्टर सलाह, Atherosclerosis rog, Atherosclerosis kya hai?, Atherosclerosis in hindi,