लक्षण
दर्द की अनुभूति एक या दोनों स्तनों में हो सकती है, या केवल एक स्तन के किसी हिस्से में हो सकती है। दर्द की अनुभूति कांख या भुजा के उपरी हिस्से में भी हो सकती है।स्तन दर्द को निम्न प्रकार से समझाया जा सकता है:
- तीखा, तीव्र या उभरता हुआ दर्द।
- स्तन में भारीपन या भरा हुआ सा अनुभव होना।
- ऊपर से दर्द।
- ढीलेपन संग पीड़ा।
- जलन
- चुभन
- सूजन
कारण
स्तन दर्द की उत्पत्ति का कारण भली प्रकार ज्ञात नहीं है। यह मासिक चक्र के दौरान हारमोनों के परिवर्तन से सम्बंधित हो सकता है। गर्भनिरोधक गोलियों (शिशु जन्म को नियंत्रित करने वाली) का सेवन करने वाली महिलाओं या रजोनिवृत्ति पश्चात हार्मोन प्रतिस्थापन चिकित्सा (एचआरटी) लेने वाली महिलाओं में अक्सर स्तन दर्द पाया जाता है।स्तन दर्द के अन्य कारणों में होते हैं:
- स्तन में थैलीनुमा रचना होना।
- स्तन में गठान और थैलीनुमा रचना सम्बन्धी परिवर्तन
- स्तन में संक्रमण (मेस्टाइटिस)।
- स्तन में घाव (पीप इकठ्ठा होना)।
- फैट नेक्रोसिस (मृत वसा कोशिकाओं से बनी गाँठ जो किसी चोट लगने के बाद उत्पन्न हो जाती है)।
- मैमरी डक्ट एक्टेसिया (दुग्ध नलिकाएँ फ़ैल जाती या चौड़ी हो जाती हैं)।
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