मोतियाबिंद: घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज

परहेज और आहार

लेने योग्य आहार
  • प्याज, लहसुन, अजमोदा, फलियाँ, समुद्री सिवार, शलजम, गाजर, टमाटर, सेब और संतरे आदि एंटीऑक्सीडेंट का भरपूर स्रोत होते हैं और ये उन कुछ आहारों में से हैं जो मोतियाबिंद से बचाव करते हैं।
  • हरी चाय भी एंटीऑक्सीडेंट का उत्तम स्रोत है, अपने चाय/कॉफ़ी के कप को हरी चाय के कप से बदलें।
  • बीटा कैरोटीन और विटामिन सी तथा ई मोतियाबिंद के महत्त्वपूर्ण भोज्य उपचार हैं। सूक्ष्म पोषक तत्वों से समृद्ध आहारों में कद्दू, गाजर, रतालू, टमाटर, मेवे, पालक, मछली और जैतून का तेल आदि आते हैं।
इनसे परहेज करें
  • शक्कर, शहद और मीठा करने वाले अन्य पदार्थ, सोडा और शक्करयुक्त अन्य पेय, कैंडी, भूने हुए पदार्थ, शक्कर युक्त दलिया, मैदे से बनी अन्य वस्तुएँ (जिनमें सफ़ेद ब्रेड और पास्ता भी आता है), और सफ़ेद चावल।

योग और व्यायाम

  • आँखों को स्थिर करने में प्रोत्साहित करने वाले व्यायामों से मोतियाबिंद के मंद मामलों को रोकने और ठीक करने में सहायता मिलती है। ऐसे एक व्यायाम को आमतौर पर ट्रोम्बोनिंग कहा जाता है। इस व्यायाम में, आप वस्तु को हाथ की लम्बाई पर रखते हैं। श्वास भीतर लेते समय वस्तु को अपने चेहरे के समीप लाते जाएँ जब तक कि यह आपकी नाक के पास तक ना आ जाए। श्वास बाहर छोड़ते समय, वस्तु को भुजा की लम्बाई तक वापस ले जाएँ, पूरे समय अपनी दृष्टि वस्तु पर टिकाए रखें।
  • कमरे में दूर रखी किसी वस्तु पर कुछ सेकंड के लिए दृष्टि केन्द्रित करें, और इसके बाद अपने सामने फर्श पर किसी बिंदु को देखें। इसके बाद, अपने नेत्र गोलकों को ऊपर ले जाएँ, रोकें, फिर नीचे ले जाएँ और रोकें। अब अपने बाएँ तरफ और फिर दाहिनी तरफ देखें और दोनों तरफ अपनी आँखों की ऊँचाई तक स्थित विभिन्न वस्तुओं को देखते रहें।
  • योग द्वारा आँखों के मोतियाबिंद की चिकित्सा नहीं हो सकती, लेकिन ये आपकी स्थिति में सुधार कर सकता है। भ्रामरी प्राणायाम मोतियाबिंद की चिकित्सा में सहायक होता है।




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