सिलिअक रोग क्या है?
सिलिअक डिजीज जिसे सिलिअक स्प्रू या ग्लूटेन-संवेदी आंतरोग भी कहा जाता है, पाचन और स्व-प्रतिरक्षी रोग है जो ग्लूटेनयुक्त भोजन लेने के परिणामस्वरूप छोटी आंत की परतों की क्षति के रूप में दिखाई पड़ता है (ग्लूटेन एक प्रकार का प्रोटीन है जो कुछ अनाजों जैसे गेहूँ, बाजरा, जौ और ओट्स आदि में पाया जाता है)।आंत ग्लिएडिना (ग्लूटेन का एक घटक) को विखंडित नहीं कर सकती, और बिना पचा हुआ ग्लिएडिना छोटी आँतों की परतों को क्षतिग्रस्त करता है, जो अवशोषण में कमी उत्पन्न करता है: जल और पोषक तत्व आँतों द्वारा उचित प्रकार से अवशोषित नहीं किये जाते।
रोग अवधि
ग्लूटेन-रहित आहार लेने पर ठीक प्रतीत होने में हर व्यक्ति को अलग अलग समय लगता है। अधिकतर लोगों को कुछ दिनों में ही ठीक लगने लगता है और आमतौर पर लक्षण जैसे मतली, अतिसार और पेट फूलना आदि कुछ सप्ताहों में ठीक हो जाते हैं।कुछ लक्षणों को ठीक होने में लम्बा समय लगता है, या आप पाते हैं कि कोई एक लक्षण किसी दूसरे लक्षण के मुकाबले पहले ठीक हो गया है। आंत की क्षति को ठीक होने के लिए लगने वाला समय हर व्यक्ति में अलग अलग अवधि का होता है और यह अवधि छः माह से लेकर दो वर्ष तक की हो सकती है।
जाँच और परीक्षण
अपने अनिश्चित लक्षणों और रोग के लम्बे अवधिकाल के कारण सिलिअक रोग का निर्धारण अक्सर कठिन होता है। निर्धारण तीन प्रमुख क्षेत्रों पर आधारित होता है:- चिकित्सीय इतिहास/शारीरिक परीक्षण।
- विभिन्न रक्त परीक्षण।
- छोटी आंत की बायोप्सी।
- एंडोस्कोपी।
डॉक्टर द्वारा आम सवालों के जवाब
1. सिलिअक रोग क्या है?सिलिअक डिजीज जिसे सिलिअक स्प्रू या ग्लूटेन-संवेदी आंतरोग भी कहा जाता है, पाचन और स्व-प्रतिरक्षी रोग है जो ग्लूटेन युक्त भोजन लेने के परिणामस्वरूप छोटी आंत की परतों की क्षति के रूप में दिखाई पड़ता है।
2. ग्लूटेन क्या होते हैं?
ग्लूटेन एक प्रकार का प्रोटीन है जो कुछ अनाजों जैसे गेहूँ, बाजरा, जौ और ओट्स आदि में पाया जाता है
3. सिलिअक रोग कैसे होता है?
आंत ग्लिएडिना (ग्लूटेन का एक घटक) को विखंडित नहीं कर सकती, और बिना पचा हुआ ग्लिएडिना छोटी आँतों की परतों को क्षतिग्रस्त करता है, जो अवशोषण में कमी उत्पन्न करता है: जल और पोषक तत्व आँतों द्वारा उचित प्रकार से अवशोषित नहीं किये जाते।
4. क्या सिलिअक रोग भोज्य पदार्थ की एलर्जी है?
जी नहीं, सिलिअक रोग भोज्य पदार्थ की एलर्जी नहीं है; बल्कि यह स्व-प्रतिरक्षी रोग है। भोज्य पदार्थों की एलर्जी, जिसमें गेहूँ की एलर्जी भी आती है, ऐसी स्थिति है जिससे लोग उबर सकते हैं। यह स्थिति सिलिअक रोग के साथ नहीं होती।
5. इस रोग से पीड़ित होने पर क्या करना चाहिए?
वे आहार न लें जिनमें गेहूँ, जौ, बाजरा और ओट्स हों। ग्लूटेन मुक्त आहार लें।
6. व्यक्ति को डॉक्टर से संपर्क कब करना चाहिए?
डॉक्टर से संपर्क करें यदि व्यक्ति अग्रलिखित लक्षणों से पीड़ित हो: भूख ना लगना, लगातार, प्रवाहमय, दुर्गन्धयुक्त अतिसार उत्पन्न होना, पेटदर्द, वजन में एकाएक गिरावट या मुँह के छाले। दुर्गन्धयुक्त और धूसर रंग का मल, जो कि तैलीय हो सकता है, होने पर तुरंत चिकित्सीय सलाह की आवश्यकता होती है।