कंजेस्टिव हार्ट डिजीज (दिल में रुकावट) क्या है?
कंजेस्टिव हार्ट डिजीज एक ऐसी स्थिति है जिसमें ह्रदय शरीर की आवश्यकता के अनुसार रक्त पंप नहीं कर पाता। ह्रदय के कमजोर हो चुके प्रकोष्ठ, रक्त को पुनः ह्रदय में और आस-पास की वाहिनियों में लौटा देते हैं। इसके कारण तरल पदार्थ अवरोध उत्पन्न कर देता है, खासकर फेफड़ों, पैरों और पेट में. इसे क्रोनिक हार्ट फेलियर या कंजेस्टिव कार्डियक फेलियर भी कहा जाता है।
ह्रदय का रुकना आयु बढ़ने के साथ आम समस्या होता जाता है। ह्रदय के रुकने के निम्नलिखित प्रकार होते हैं:
- सिस्टोलिक हार्ट फेलियर (ह्रदय का सिकुड़ते समय रुकना)।
- डाईस्टोलिक हार्ट फेलियर (ह्रदय का फैलते समय रुकना)।
- उपरोक्त दोनों का सम्मिलित रूप।
रोग अवधि
- यदि चिकित्सा के प्रति रोगी की प्रतिक्रिया उचित है, तो लाभ होने में छः महीने लगते हैं।
- ह्रदय प्रत्यारोपण के रोगियों को ठीक होने में अधिक समय लग सकता है, ऐसा रोगी की स्थिति और उसे मिल रही सहायक देखभाल पर निर्भर करता है।
जाँच और परीक्षण
- चिकित्सीय इतिहास
- शारीरिक परीक्षण
- ईकोकार्डियोग्राम
- इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम (ईसीजी)।
- छाती का एक्स-रे।
- ह्रदय का सीटी स्केन और एमआरआई।
- एन्जिओग्राम।
- मायोकार्डियल बायोप्सी।
- तनाव परीक्षण।
- रक्त परीक्षण।
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