समस्याओं से बचने के लिए अपने डॉक्टर के निर्देशों का पालन करें। बताये अनुसार दवाएं लें।
जीवन शैली के परिवर्तन जैसे कि पोषक भोजन, वजन में कमी या नियंत्रण, नमक का कम प्रयोग और नियमित शारीरिक गतिविधि – ये रोग को नियंत्रित करने में सहायक हैं।
अन्य
कुछ मामलों में, जीवन शैली के परिवर्तन और दवाएं आपकी कोरोनरी आर्टरी डिजीज के इलाज हेतु पर्याप्त नहीं होते, और आपके ह्रदय की क्षति को रोकने के लिए शल्यक्रिया की आवश्यकता हो सकती है।
ध्यान देने की बातें
चक्कर आना।
पसीना आना और कमजोरी।
भूख ना लगना।
डॉक्टर को कब दिखाएँ
छाती में और आसपास निचोड़ने का, दबाव, भारीपन, जलन और दर्द का अनुभव होना।
गर्दन, जबड़े, भुजाएं, कंधे, पीठ और दांत में भी तीव्र दर्द होना।
अपच, हृदयदाह, मतली, कम्पन, और सांस लेने में कष्ट।
यदि आपको इनमें से कोई भी लक्षण हो तो अपने डॉक्टर से संपर्क करें
मतली और भूख ना होने के साथ ही पेट का भरा हुआ या फूला हुआ लगना।
दैनिक गतिविधियों को पूरा करने में अत्यंत थकावट होना या क्षमता का घट जाना।
तेज खांसी जो बढ़ती जाये।
ह्रदय की तेज गति (प्रति मिनट 100 से अधिक)।
अनियमित हृदयगति।
नियमित गतिविधियों में या आराम के समय भी छाती में दर्द और साँस लेने में कठिनाई।
लगातार चक्कर आना।
निचोड़ने के एहसास वाला छाती का दर्द, जिसमें मतली, उल्टी, अधिक पसीना, साँस की कमी, कमजोरी जैसे अन्य लक्षण हो भी सकते हैं और नहीं भी।
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