परहेज और आहार
लेने योग्य आहार- पानी अधिक मात्रा में लें, आप उसमें चुटकी भर हल्दी और अदरक का पाउडर डाल सकते हैं।
- फलों का और खासकर खट्टे फलों का रस लें क्योंकि इनमें विटामिन सी की अधिक मात्रा होती है – नीबू, संतरा, मौसंबी, अन्नानास आदि
- गर्म सूप लें विशेषकर चिकन सूप।
- कच्चे फल और सब्जियाँ लें. सर्दी के लिए सेब अच्छा होता है, प्रतिदिन एक सेब खाना चाहिए।
- अपने भोजन में अदरक, लहसुन और प्याज शामिल करें।
- अपने भोजन में विटामिन ए की मात्रा बढ़ाएं – पीले रंग के सभी फल और सब्जियों में विटामिन ए होता है. माँस, मछली, गुर्दा और लिवर, मछली जैसे कॉड, शार्क या हलिबेट के लिवर का तेल विटामीन ए का समृद्ध स्रोत है. यदि आप शाकाहारी हैं तो आप मछली के लिवर के तेल के पूरक ले सकते हैं लेकिन इसकी अधिक मात्रा घातक होती है।
- प्रतिदिन कम से कम 50 ग्राम अंगूर खाना कोराइज़ा को रोकने में सहायक होता है।
- दूध और उससे बने उत्पाद – कॉटेज चीस ना लें।
- मसालेदार भोजन, अंडे, मिठाई और फ्रिज में रखे ठन्डे पेय ना लें।
- शीतल पेय, ठंडा पानी, आइस क्रीम और गैस युक्त पेय ना लें।
- परिरक्षकों और बाहरी अतिरिक्त पदार्थ युक्त सभी भोज्य पदार्थों का त्याग करें।
योग और व्यायाम
गहरे श्वसन वाले व्यायाम – प्रतिदिन धीमी, पूर्ण श्वास लें।प्रभावी योगासनों में हैं:
- भस्त्रिका प्राणायाम
- कपालभाति प्राणायाम
- अनुलोम विलोम प्राणायाम
घरेलू उपाय (उपचार)
- नाक से अत्यधिक द्रव बहने की स्थिति में तरल पदार्थों का सेवन बढ़ा दिया जाना चाहिए।
- गर्म पानी से गरारे करें, गले को सहज करने के लिए चुटकी भर नमक और हल्दी मिलाएँ।
- दिन में तीन बार गर्म पानी के साथ एक बड़ी चम्मच भर के हल्दी लें।
- यदि रोगी लगातार 5 से 7 बार छींकता है, उसे खाने के लिए लहसुन दें। यह छींक से राहत प्रदान करता है।
- शरीर की संपूर्ण माँसपेशियों को आराम देने के लिए पैरों को गर्म पानी में रखने के अतिरिक्त गर्म स्नान भी करना चाहिए।
- ताज़ी हवा में घूमने जाएँ।