डिमेंशिया (मतिभ्रम, पागलपन) क्या है?
डिमेंशिया (स्मृतिलोप या मतिभ्रम) एक सामान्य शब्द है जो कुछ लक्षणों जैसे स्मृति, संवाद और सोचने की शक्ति में कमी को बताता है। डिमेंशिया मस्तिष्क के कम से कम दो कार्यों में समस्या बताता है जैसे स्मृति लोप और गलत निर्णय अथवा भाषा का प्रयोग, और कुछ प्रतिदिन की जाने वाली गतिविधियों में असमर्थता जैसे कि बिल भरना या गाड़ी चलाना। डिमेंशिया कई प्रकार का होता है जैसे कॉर्टीकल, सबकॉर्टीकल, प्रगतिशील (प्रोग्रेसिव), प्राथमिक (प्राइमरी) और द्वितीयक (सेकेंडरी)।रोग अवधि
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डिमेंशिया के कारण के आधार पर ठीक होने में समय भी अलग लगता है।
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यदि कारण कोई ऐसी चिकित्सीय परिस्थिति है, जिसका उपचार नहीं हो सकता, तो डिमेंशिया जीवन भर के लिए हो सकता है।
जाँच और परीक्षण
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बोध और मनोतन्त्रिकीय जाँचें।
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मस्तिष्क का एमआरआई और सीटी स्केन।
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रक्त परीक्षण।
- तंत्रिका सम्बन्धी मूल्यांकन।
डॉक्टर द्वारा आम सवालों के जवाब
Q1. अल्झाइमर रोग डिमेंशिया से कैसे अलग है?अल्झाइमर रोग वृद्धों में डिमेंशिया का एक सामान्य रूप है, शायद वृद्धों के 70% डिमेंशिया में यही होता है। अल्झाइमर रोग को अन्य डिमेंशिया से इस तथ्य के आधार पर अलग किया जा सकता है कि यह एक धीमा उभरने वाला और धीरे-धीरे बढ़ने वाला रोग है जो बोध से उत्पन्न कई प्रकार के पक्षों को प्रभावित करता है जैसे कि स्मृति, भाषा और व्यक्तित्व। इसके अलावा यह महत्वपूर्ण है कि ये परिवर्तन अक्सर शरीर के बुनियादी कार्यों और चलने की क्षमता को नियंत्रित करने के अभाव में होते हैं।
स्मृति और अपने को ढालने की योग्यता में धीरे-धीरे कमी का बढ़ना, प्रयोगशाला जाँचों में सामान्य परिणाम, और एमआरआई या सीटी स्केन जो केवल बंटी हई या पश्चवर्ती प्रबल कॉर्टीकल या हिप्पोकेम्पल क्षीणता दिखाती है, एडी की अत्यधिक संभावना को इंगित करती है।
Q2.डिमेंशिया का उपचार क्या है?
लक्षणों के नियंत्रण को लक्ष्य बनाकर किये गए उपचार में कुछ समय के लिए अस्पताल में भरती होना पड़ सकता है। वे विकार जो असमंजस पैदा करते हैं, उनका उपचार किया जाना चाहिए, जिनमें हृदय का रुकना, कम मात्रा में ऑक्सीजन लेना, थाइरोइड की समस्याएँ, रक्ताल्पता, कुपोषण, संक्रमण और मनोवैज्ञानिक स्थितियाँ आती हैं। रोग के साथ होने वाले चिकित्सीय और मनोवैज्ञानिक विकारों में किया गया सुधार अक्सर मानसिक कार्यक्षमता बढ़ाता है।
Q3. मेरे डॉक्टर ने मुझे डिमेंशिया के लिए कोई औषधि नहीं दी, वे कितने सही हैं?
डिमेंशिया प्रबंधन में बिना औषधि व्यवहार चिकित्सा का प्रमुख स्थान है।
सूचियाँ, योजना, कैलेंडर और लेबल बनाना शुरुआती चरणों में उपयोगी हो सकता है यह जाने-पहचाने हलके तनावकारी कार्य, अल्प-अवधि के कार्य, टहलना और आसन शारीरिक व्यायामों के लिए भी उपयोगी होता है।
डिमेंशिया ग्रस्त कई रोगियों के लिए रोजाना की गतिविधियों के मुकाबले कार्यक्रमों को याद रख पाना मुश्किल होता है, और इसके बावजूद वे शारीरिक गतिविधियों जैसे कि पैदल चलना, बोलिंग, नृत्य करना और गोल्फ खेलना में हिस्सा ले सकते हैं।
सहायता के लिए किये गए प्रयास का उत्तर शिकायत, अवसाद या गुस्सा हो सकता है।
सँभालने वाले की तरफ से विरोधी व्यवहार व्यर्थ और कभी-कभी हानिकारक हो सकता है।
समझाइश, भरोसा, मनबहलाव और शांत सकारात्मक कथन अधिक उपयोगी होते हैं। धीर-धीरे वित्त और गाड़ी चलाना जैसे कार्य दूसरों के द्वारा सम्भाल लिये जाते हैं और इनमें रोगी की स्वीकृति और सामंजस्य होता है।
सुरक्षा महत्वपूर्ण मुद्दा है, जिसमें ना केवल गाड़ी चलाना बल्कि रसोईघर, स्नानागार, और सोने का क्षेत्र तथा सीढ़ियाँ महत्त्वपूर्ण हैं। इन जगहों को निगरानी में रखना, निरीक्षण करना और हो सके उतना सुरक्षित रखना चाहिए।