डेंगू बुखार की शुरुआत अत्यंत तेज बुखार के साथ होती है, बुखार इन्फेक्शन के 4 से 7 दिनों में आता है और 104 -105 तक हो सकता है। बुखार के 2 से 5 दिन बाद शरीर के अधिकतर हिस्से की त्वचा पर निशान उभर आते हैं।
अन्य लक्षणों में:
थकान
सिरदर्द (खासकर आँखों के पिछले हिस्से में दर्द)
जोड़ों और मांसपेशियों का दर्द
मतली और उल्टी
लसिका ग्रन्थियों में सूजन
हल्का रक्तस्राव (जैसे कि नाक से या मसूढ़ों से)
धीमी हृदयगति (ब्रेडीकार्डिया) और निम्न रक्त चाप (हाइपोटेंशन)
यदि लक्षण अधिक गंभीर हो जायें तो इसे डेंगू हेमोरेजिक फेवर कहा जाता है जिसके लक्षण त्वचा पर चकत्ते और धब्बे, असामान्य रक्तस्राव और आखिरकार गंभीर आघात तथा अंगों का निर्जीव होना होता है। डेंगू शॉक सिंड्रोम सर्वाधिक तीव्र रूप है जो आमतौर पर उन बच्चों में होता है जिनमें इन्फेक्शन की वापसी हुई हो।
कारण
यह चार अलग किन्तु आपस में सम्बंधित वायरसों से होता है। मच्छरों के काटने से यह फैलता है, सबसे आम मच्छर एडिस एजिप्टी है, जो उष्ण कटिबंधीय और निम्न उष्ण कटिबंधीय क्षेत्रों में पाया जाता है।
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