परहेज और आहार
लेने योग्य आहार-
आलू (छिलका रहित)।
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सफ़ेद ब्रेड।
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चिकन/मछली।
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केले।
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उबले चावल।
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सेब।
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शहद, जैम युक्त टोस्ट या वेजीमाईट (बगैर मक्खन या मार्जरीन के)।
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सादे बिस्कुट (उदाहरण के लिए उपरोक्त चीजों के साथ साओ)।
- उबली सब्जियाँ।
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क्लियर सूप।
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सादा सलाद।
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दही और पनीर।
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फलों जैसे संतरे और अनार का रस लें।
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अतिसार को नियंत्रित करने का उपयोगी तरीका है, तीन बार अधिक मात्रा में खाने की अपेक्षा थोड़ी-थोड़ी मात्रा में कई बार खाना।
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साबुत अनाज की ब्रेड।
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सब्जियाँ जिनमें ब्रोकोली, पत्तागोभी, फूलगोभी, और फलियाँ।
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उच्च रेशायुक्त दलिया (जैसे कि ब्रान फलैक्स)।
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मेवे।
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सूखे और ताजे फल।
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कैफीन (चाय, कॉफ़ी)।
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चिकने, वसायुक्त या तले आहार (पूरा नाश्ता, बनी-बनाई वस्तुएँ आदि)।
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अचार अथवा मसालेदार आहार (ये पाचन तंत्र को उत्तेजित कर अतिसार को बढ़ा सकते हैं)।
योग और व्यायाम
यदि आपको अतिसार है तो व्यायाम नहीं करें, क्योंकि इससे निर्जलीकरण होने का खतरा बढ़ता है।योग
घरेलू उपाय (उपचार)
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घर पर बना ओआरएस (ओरल रिहायड्रेशन साल्ट- नमक शक्कर का घोल)- यदि रोगी उल्टी या पतले दस्त के कारण स्वयम को निर्जलीकृत अनुभव करे तो यह घोल तुरंत लेना चाहिए।
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तरल पदार्थ अधिल मात्रा में लें।
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मुख के माध्यम से पुनर्जलीकरण के पेय लें-उबले चावल का पानी, दाल का पानी, हरे नारियल का पानी, सादी नमक शक्कर की लस्सी लें।
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आप जैसे ही भूख अनुभव करें, खाना खाएँ
- यदि बार-बार के मलत्याग से आपका गुदा क्षेत्र पीड़ादायक हो गया है तो कुनकुने पानी से स्नान करें। इसके बाद स्वच्छ, नर्म तौलिये से (रगड़े बिना) पूरे क्षेत्र को सुखा लें।
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