डिफ्थीरिया क्या है?
डिफ्थीरिया ऊपरी श्वसन तंत्र का रोग है जो कोराइनीबेक्टेरियम डिफ्थीरी द्वारा होता है। यह एक गंभीर विकार है। सामान्यतया यह नाक और गले की श्लेष्मा झिल्लियों को प्रभावित करता है। यह कान, आँख और जननांगों की त्वचा और परतों के ऊतकों को भी प्रभावित कर सकता है। यदि संक्रमण रक्त में प्रवेश कर जाये तो यह ह्रदय और तंत्रिका तंत्र दोनों को प्रभावित करता है।
रोग अवधि
ठीक होने की प्रक्रिया धीमी होती है, इसमें महीनों लग सकते हैं।जाँच और परीक्षण
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शारीरिक परीक्षण।
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गले के भीतर से रुई पर लिया नमूना प्रयोगशाला जाँच हेतु भेजना।
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टीकाकरण स्थिति सहित चिकित्सीय इतिहास।
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विष की जाँच।
- ईसीजी।
डॉक्टर द्वारा आम सवालों के जवाब
Q1. रोग को उत्पन्न होने और बढ़ने में कितना समय लगता है?बैक्टीरिया से संपर्क के बाद रोग को बढ़ने में सात दिन लगते हैं
किसी भी स्वास्थ्य कार्यकर्ता को, जो डिफ्थीरिया के रोगियों की चिकित्सा में शामिल रहा हो, उसे स्वेब (रुई द्वारा नमूना) की जाँच और संक्रमण के विरूद्ध एंटीबायोटिक और टीकाकरण लेना चाहिए। हालाँकि, शाला की कक्षा में और कार्यस्थल पर समान जगह/कमरे में रहने वाले संपर्कों को निकट संपर्क नहीं माना जाता। डॉक्टर अथवा नर्स आपकी नाक से स्वेब जाँच लेकर आपको एंटीबायोटिक चिकित्सा का परचा लिख देंगे। उपचार को पूरा लेना आवश्यक है। आपको आवश्यकता होने पर बूस्टर डोस भी दिया जा सकता है।
जी हाँ। डिफ्थीरिया वैक्सीन एक सम्मिलित डिफ्थीरिया, टिटनेस, पर्टुसिस, एचआईबी (हीमोफिलस इन्फ़्लुएन्ज़े टाइप बी) और पोलियो वैक्सीन के हिस्से के रूप में दिया जाता है और ये टीका इन सभी रोगों के विरूद्ध अत्यंत प्रभावी सुरक्षा प्रदान करता है।
- नहीं, वैक्सीन आपको डिफ्थीरिया के विषैले प्रभाव से बचाती है। हालाँकि, टीकाकरण आपको बैक्टीरिया वहन करने से नहीं बचाता।
- अधिकतर मामले उन लोगों में होते हैं, जिनका अपर्याप्त टीकाकरण होता है या टीका नहीं लगा हुआ होता।