लक्षण
डिसअर्थ्रिया से ग्रस्त व्यक्ति, तंत्रिका तंत्र को हुई क्षति के विस्तार और स्थान के अनुसार, निम्न में से किसी भी लक्षण का अनुभव कर सकता है:
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“लड़खड़ाती” वाणी।
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जोर से बोलने में असमर्थता या मुश्किल से फुसफुसा पाना।
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बोलने की गति धीमी होना।
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बोलने की गति का “बड़बड़ाने” के साथ तेज होना।
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बोलते समय असामान्य लय होना।
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स्वर की गुणवत्ता में परिवर्तन।
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आवाज भर्राना
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साँस भरना
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लार गिरना या लार पर नियंत्रण कमजोर होना।
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चबाने, निगलने और जीभ या चेहरे की मांसपेशियों को हिलाने-डुलाने में कठिनाई।
कारण
कई स्थितियाँ हैं जो डिसअर्थ्रिया की उत्पत्ति कर सकती हैं। कुछ आम कारणों में हैं:
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मस्तिष्क आघात
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मस्तिष्क में ट्यूमर, मस्तिष्क को लगी चोट।
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संक्रमण
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एमिट्रोफिक लेटरल स्क्लेरोसिस (एएलएस)।
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बेल्स पाल्सी, सेरिब्रल पाल्सी
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गिलियन-बेयर सिंड्रोम।
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हंटिंग्टन्स डिजीज।
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लाइम डिजीज।
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मल्टीपल स्क्लेरोसिस।
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मांसपेशियों की कमजोरी।
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मायस्थेनिया ग्रेविस।
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पार्किन्संस डिजीज।
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विल्सन्स डिजीज।
- औषधियाँ जैसे नारकोटिक या निद्रा सम्बन्धी औषधियाँ जो केन्द्रीय तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करती हैं।
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