परहेज और आहार
लेने योग्य आहार
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साबुत अनाज: भूरा चावल, साबुत अनाज की ब्रेड, जई आदि
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सब्जियाँ:ब्रोकोली, पालक, गाजर, शक्करकंद, ब्रसल स्प्राउट्स आदि।
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फलियाँ: फलियाँ, मटर, दालें।
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फल।
इनसे परहेज करे
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पशु उत्पाद: मछली, पोल्ट्री उत्पाद, माँस, अंडे और डेरी उत्पाद।
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वनस्पति तेल: सलाद की ऊपरी ड्रेसिंग, मार्जरीन, और अन्य सभी भोज्य तेल।
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वसायुक्त आहार: डोनट्स, फ्रेंच फ्राइज, आलू की चिप्स, मूंगफली दाने युक्त मक्खन आदि।
योग और व्यायाम
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एरोबिक व्यायाम जैसे कि पैदल चलना, तैरना, दौड़ना, साइकिल चलाना, और एरोबिक रूप से नृत्य करना ऐंठन को मिटा सकता है।
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श्रोणि क्षेत्र को मोड़कर किये जाने वाले व्यायाम करें, इससे दर्द में राहत मिलती है:
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अपने पैरों को एक फुट की दूरी पर रखकर और घुटने मोड़कर खड़ी हो जाएँ। अपने हाथ अपने कूल्हों पर कूल्हे की हड्डी के समीप रखें।
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अपने पेल्विस को आगे-पीछे 10 से 15 बार घुमाएँ। यह कार्य पीठ के बल लेटकर अपने घुटने मोड़कर भी किया जा सकता है। कूल्हों को फर्श पर रखते हुए पेट को ऊपर ले जाएँ और फिर पीठ के थोड़े से हिस्से से फर्श को दबाएँ।
योग
कुछ योग आसन हैं जिनसे दर्द चला जाता है। उनमें हैं:
संगीत और ध्यान
आप योग निद्रा कर सकते हैं जो अत्यंत शांतिदायक होती है। यह बोध युक्त गहरी नींद की स्थिति है।
घरेलू उपाय (उपचार)
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प्रतिदिन 10-15 मिनट के लिए कूल्हों को ठन्डे पानी में डालकर बैठने से मासिक धर्म के अधिकतर विकार ठीक होते हैं।
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लेटे समय दोनों पैरों को थोड़ा ऊँचाई पर रखकर बिस्तर पर पूर्णतया आराम करना और मासिक धर्म के दौरान दर्द के समय कुनकुने गर्म पानी से स्नान करना चाहिए।
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पेट पर गर्म सिंकाई करें। गर्मी के प्रवाह से आराम लगता है और अस्थाई दर्द निवारण होता है।
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अपने पेट के निचले हिस्से या निचली पीठ की हलकी मालिश करें।
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अपने मासिक चक्र के अनुमानित समय के कुछ दिन पूर्व से दर्द निवारक दवा जैसे आइबूप्रोफेन लेना लाभकारी होता है।
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