परहेज और आहार
लेने योग्य आहार- रसदार ताजे फल जैसे सेब, नाशपाती संतरे, ग्रेपफ्रूट, अन्नानास, अनार, आडू और तरबूज व खरबूज।
- गर्म चाय के साथ पेपरमिंट लेने से अपच ठीक होने में सहायता मिलती है।
- एक गिलास ठन्डा दूध लेने से पेट के भीतर की सूजी हुई परतों पर सुरक्षात्मक निर्माण होता है, जिससे आराम मिलता है।
- अदरकयुक्त चाय भी सहायक होती है।
- नीबू का रस अम्ल और अन्य हानिकारक पदार्थों को पेट से बाहर निकालकर अपच को कम करता है, और इस प्रकार भूख को उचित और शक्तिशाली बनाता है।
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गाजर, धनिया, पुदीना, छाछ, सौंफ आदि पाचन के लिए अत्यंत सहायक होते हैं।
- वसायुक्त, तले हुए और मसालेदार आहार; कार्बन-डाइऑक्साइड युक्त पेय; कैफीन युक्त और कैफीन रहित चाय और कॉफ़ी; शराब; कोको; चॉकलेट; खट्टे फल और उनका रस; माँस से निर्मित अत्यंत चटपटे या मसालेदार पदार्थ, अधिक उबाला हुआ दूध, दालें, आलू, चावल, पनीर, टमाटर के उत्पाद; और पेपरमिंट। ये आहार पेट के भीतर अम्ल को बढ़ाते हैं।
- आहार जैसे पत्तागोभी, फलियाँ, और प्याज गैस की अधिक मात्रा उत्पन्न करने के लिए जाने जाते हैं, इसके कारण अपच पैदा होता है।
योग और व्यायाम
हलके व्यायाम जैसे पैदल चलना, गोल्फ खेलना और तैरना किये जा सकते हैं।योग
अपचन को दूर करने वाले कुछ योगासनों में हैं:
- पवनमुक्तासन:
- शलभासन
- प्राणायाम
- नौकासन
- सूर्य नमस्कार
- शवासन
संगीत और ध्यान
शांत बैठें और श्वास पर ध्यान केन्द्रित करें। यह तनाव को कम करने और मन को शांत करने में सहायता करता है।घरेलू उपाय (उपचार)
- किसी ठोस वस्तु द्वारा अपने सिरहाने को 20-30 सेमी तक ऊँचा करें और सोते समय अपने सिर को इसी ऊँचाई पर रखें।
- सोने से कम से कम दो से तीन घंटे पहले भोजन कर लें।
- तनाव के स्तर को घटाएँ- विश्रान्तिदायक तकनीकें जैसे ध्यान, योग और गहरी श्वास का अभ्यास करें।
- अधिक मात्रा में या अत्यंत तेजी से ना खाएँ।
- अपच को उत्प्रेरित करने वाले आहार ना लें।
- तीन बार अधिक मात्रा में भोजन करने की अपेक्षा पाँच से छः बार में थोड़ी-थोड़ी मात्रा में भोजन लें।
- भोजन के तुरंत बाद व्यायाम ना करें, ना ही सोएँ।
- भोजन को सावधानी से और पूरी तरह से चबाकर लें।