परहेज और आहार
लेने योग्य आहार
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कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, वसा, खनिजों, विटामिनों, रेशे और जल से युक्त स्वास्थ्यवर्धक आहार।
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एम्फायसेमा से पीड़ित व्यक्तियों के लिए सोडियम की कम मात्रा से युक्त चिकन सूप विशेष रूप से लाभकारी होता है। क्योंकि चिकन में सिस्टीन होता है, यह आपके शरीर से अतिरिक्त बलगम निकालता है। सिस्टीन के अतिरिक्त भोज्य स्रोतों में गेहूँ की बाली, लाल शिमला मिर्च, लहसुन, प्याज, ब्रोकोली और ब्रसेल्स स्प्राउट्स हैं।
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जैतून का तेल पित्ताशय और बड़ी आंत से अनुपयोगी पदार्थ और आँव को निकालने में सहायता करता है।
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एम्फायसेमा से पीड़ित व्यक्तियों के लिए रेशा उपयोगी है। रेशे की उच्च मात्रा वाले आहारों में दालें जैसे उबली मटर और फलियाँ, साबुत अनाज की ब्रेड और दलिया, चोकर, चावल और ताजे फल तथा सब्जियाँ आते हैं।
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एंटीऑक्सीडेंट से समृद्ध आहारों में अस्पार्गस, एवोकेडो, बेरियाँ, ब्रोकोली, ब्रसेल्स स्प्राउट्स, गाजर, शिमला मिर्च, कोलार्ड, लाल अंगूर, लाल और पीले प्याज, पालक, रतालू, टमाटर और तरबूज आते हैं।
इनसे परहेज करें
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बलगम या श्लेष्मा के बनने को प्रोत्साहित करने वाले आहार जैसे डेरी उत्पाद, रेड मीट, अंडे और प्रोसेस्ड आहार।
योग और व्यायाम
श्वसन वाले व्यायाम और ह्रदयवाहिनियों का नियमित व्यायाम, जैसे पैदल चलना, ये दोनों ही लक्षणों पर रोक लगाने में खतरनाक हैं और इनसे एम्फायसेमा का बढ़िया पूर्वानुमान होता है।
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एम्फायसेमा से ग्रस्त रोगियों के लिए पैदल चलना बढ़िया व्यायाम है। रोगियों को प्रतिदिन 3-4 बार, हर बार 5-15 मिनट के लिए पैदल चलना चाहिए।
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व्यायाम करना और भुजाओं तथा पैरों की मांसपेशियों को मजबूत करना कुछ रोगियों में उनकी क्षमता को बढ़ाता है और श्वसनहीनता को कम करता है। एक समय में केवल एक ही पैर का व्यायाम करने से (उदाहरण के लिए, खड़ी हुई साइकिल को दो के बजाए एक पैर से चलाना), व्यायाम के दौरान श्वास सम्बन्धी समस्याओं का सामना करने वाले रोगियों को लाभ मिल सकता है, और इससे उन्हें अपनी व्यायाम क्षमता बढ़ाने में सहयोग होता है।
योग
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विश्राम के आसन जैसे सुप्त वीरासन और विपरीत करणी, ह्रदय के खिंचाव को हटाने और एम्फायसेमा ग्रस्त रोगियों की श्वसन दर को कम करने में अत्यंत सहायक होते हैं।
संगीत और ध्यान
शांत बैठें और अपनी श्वास-प्रश्वास को गिनें, यह विश्रांति का सर्वोत्तम प्रकार है।घरेलू उपाय (उपचार)
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आपके फेफड़ों को उत्तेजित करने वाली वस्तुएँ जैसे धुआं और वायु प्रदूषण के संपर्क में ना रहें।
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अपने घर में वायु स्वच्छ करने वाले यंत्र का प्रयोग करें।
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जितना अधिक मजबूत हो सके, उतना बने रहने के लिए नियमित व्यायाम करें।
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पोषक भोजन लें ताकि आप अपनी शक्ति को बढ़ा सकें।
- स्वयं को ठंडी हवा से बचाएँ।
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