हाइपरहाइड्रोसिस (अत्यधिक पसीना आना) क्या है?
हाइपरहाइड्रोसिस एक ऐसी स्थिति है जिसमें व्यक्ति को अत्यधिक और अनसोचा/अनचाहा पसीना आता है। पसीना तब भी आता है जब तामपान गर्म ना हो या आप व्यायाम ना कर रहे हों। हाइपरहाइड्रोसिस ग्रस्त व्यक्तियों के हाथ पसीने से गीले हो जाते हैं। हाइपरहाइड्रोसिस सामान्यतया हथेलियों, तलवों और काँख के क्षेत्र को प्रभावित करता है। अत्यधिक पसीने की स्थिति को दो प्रकारों में बाँटा गया है:-
प्राथमिक (रोगकारक) फोकल हाइपरहाइड्रोसिस।
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द्वितीयक या सामान्य फोकल हाइपरहाइड्रोसिस।
रोग अवधि
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हाइपरहाइड्रोसिस अस्थाई स्थिति नहीं है।
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इससे पीड़ित कई लोग वर्षों से पीड़ित हैं, अक्सर बचपन या कभी-कभी किशोरावस्था से।
जाँच और परीक्षण
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चिकित्सीय इतिहास
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शारीरिक परीक्षण
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रक्त परीक्षण
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मूत्र परीक्षण
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थर्मोरेगुलेटरी स्वेट टेस्ट
- पेपर टेस्ट
डॉक्टर द्वारा आम सवालों के जवाब
Q1. हाइपरहाइड्रोसिस की चिकित्सा क्या है? ?यदि आपका हाइपरहाइड्रोसिस मंद है, कई पारंपरिक उपचार सहायक हो सकते हैं।
आपको प्राथमिक हाइपरहाइड्रोसिस है, ये तय होने के बाद आपके डॉक्टर आपको शल्यक्रिया के पहले पारंपरिक चिकित्सा ही देंगे। इनमें खाने वाली दवाएँ (एंटीकोलीनर्जिक), लगाने की दवाएँ, विद्युत् चिकित्सा है, जो हाथों और पैरों के हाइपरहाइड्रोसिस या माइक्रोवेव थर्मोलायसिस के रोगियों की सहायता करते हैं।
Q2. हाइपरहाइड्रोसिस की समस्याएं क्या हैं?
हाइपरहाइड्रोसिस की समस्याओं में रिंगवर्म से लेकर मस्से तक के संक्रमण, कुछ त्वचा रोग जैसे खुजली और धब्बे आदि हैं। ये हाइपरहाइड्रोसिस से ग्रस्त व्यक्ति में बार-बार होते हैं। अत्यधिक पसीने से त्वचा की सूजन बदतर हो जाती है।
सामाजिक और भावनात्मक प्रभाव: गीले चिपचिपे हाथ और पसीने से भीगे कपड़े शर्मिंदा कर सकते हैं।
Q3. हाइपरहाइड्रोसिस में कैफीन और मसाले क्यों वर्जित कर दिये जाते हैं?
कैफीन और मसाले अत्यधिक पसीने के उत्सर्जन को आरम्भ करने वाली तंत्रिकाओं को उत्तेजित करते हैं।
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