परहेज और आहार
लेने योग्य आहार- गोइटरोजेनिक आहारों में क्रूसीफेरस (एक समूह का नाम) सब्जियाँ जैसे कि पत्तागोभी, फूलगोभी, और ब्रसेल्स स्प्राउट; गहरी हरी पत्तेदार सब्जियाँ, और जड़ वाली सब्जियाँ जैसे कि शलजम, और रूटाबेगा (शलजम का एक प्रकार) हमारे शरीर के आयोडीन उपयोग में अवरोध करते हैं और इस कारण हाइपरथाइरोइडिसम के प्रभाव को कम करते हैं।
- हाइपरथाइरोइडिसम में जिंक का स्तर घट जाता है इसलिए जिंक युक्त आहार जैसे कि भूरा चावल, साबुत अनाज का दलिया, ज्वार, बाजरा, गिरी और मेवे लेने चाहिए।
- कैल्शियम युक्त आहार लें जिनमें डेरी उत्पाद जैसे कि दूध, दही और पनीर आते हैं।
- अंगूर, बेरीज, ताजे फल और सब्जियाँ प्रतिदिन खानी चाहिए।
- अलसी का तेल और पिसी अलसी लें क्योंकि ये ओमेगा 3 फैटी एसिड्स का आदर्श स्रोत हैं। विटामिन D हेतु अंडे, मछली, और मशरूम लें।
- सोयाबीन्स और सोया उत्पाद अति सक्रिय थाइरोइड हेतु सहायक हो सकते हैं।
- रिफाइंड आहार जैसे सफ़ेद ब्रेड, पास्ता, और शक्कर से परहेज।
- शराब, तम्बाकू, चाय, कॉफ़ी, कोला, और चॉकलेट्स से परहेज।
- आयोडीन युक्त आहार जैसे कि समुद्री आहार, आयोडीन युक्त नमक, अंडे, दही और दूध से परहेज।
योग और व्यायाम
- व्यायाम हल्का ही करें जैसे कि एक दिन में 20 मिनट पैदल चलना। चूंकि थाइरोइड का असंतुलन ह्रदय की गतिविधि को प्रभावित करता है, यह आवश्यक है कि व्यायाम अधिक ना किया जाये। एक बार हार्मोन का स्तर सामान्य हो जाने के पश्चात आप अपनी सामान्य गतिविधियाँ चालू कर सकते हैं।
- एरोबिक व्यायाम जैसे कि तैरना, पैदल चलना, और साइकिल चलाना स्वास्थ्यवर्धक व्यायाम हैं।
घरेलू उपाय (उपचार)
- धूम्रपान त्यागें
- तनाव से बचें
- कैफीन से परहेज
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