घुटने का भीतरी रूप से अव्यवस्थित होना (IDK) क्या है?
घुटने का भीतरी रूप से अव्यवस्थित होना ये एक दीर्घकालीन स्थिति है जो कि घुटने की क्षतिग्रस्त, टूटी-फूटी या अव्यवस्थित मेनिस्कस (यह कार्टिलेज से निर्मित वह डिस्क है जो किसी जोड़ पर मिलने वाले हड्डियों के सिरों के मध्य नर्म, कोमल सहारे का कार्य करती है) के कारण, या किसी गुणाकार आंशिक अथवा पूर्ण टूट-फूट के कारण, जो कि घुटने के कैप्सूलनुमा तंतु को चोट पहुँचाए बिना या चोट के साथ हो, के कारण होती है, जिसके परिणामस्वरूप लगातार बने हुए लक्षण या संकेत जैसे दर्द, अस्थिरता या उस घुटने की असामान्य गति आदि होते हैं।रोग अवधि
घुटने की आन्तरिक अव्यवस्थितता से ठीक होना रोग के समयानुसार और अचूक निर्धारण, स्थिति की प्रकृति, ठीक होने के निर्देशों और पुनर्वास सलाहों से जुड़े रहने पर, और घुटने की स्थिति को बिगड़ने ना देने पर निर्भर करता है।बगैर शल्यक्रिया के ठीक होने में छः से आठ सप्ताह तक लग सकते हैं।
शल्यक्रिया के बाद ठीक होने में तीन से चार माह तक लग सकते हैं।
जाँच और परीक्षण
रोग का निर्धारण मुख्यतः शारीरिक परीक्षण द्वारा होता है और अन्य जांचों का निर्देश भी दिया जा सकता है जैसे:- एक्स-रे
- एमआरआई
डॉक्टर द्वारा आम सवालों के जवाब
1. घुटने का भीतरी रूप से अव्यवस्थित होना क्या होता है?
घुटने का भीतरी रूप से अव्यवस्थित होना ये एक दीर्घकालीन स्थिति है जो कि घुटने की क्षतिग्रस्त, टूटी-फूटी या अव्यवस्थित मेनिस्कस के कारण, या किसी गुणाकार आंशिक अथवा पूर्ण टूट-फूट के कारण, जो कि घुटने के कैप्सूलनुमा तंतु को चोट पहुँचाए बिना या चोट के साथ हो, के कारण होती है।2. मेनिस्कस क्या है?
यह कार्टिलेज से निर्मित वह डिस्क है जो किसी जोड़ पर मिलने वाले हड्डियों के सिरों के मध्य नर्म, कोमल सहारे का कार्य करती है।3. इसके लक्षण कौन से हैं?
इसके लक्षण हैं दर्द होना, खट-ख़ट की अनुभूति, सूजन और जकड़न, अस्थिरता, घुटने की असामान्य गति, 45 अंश के कोण पर घुटने का जकड़ जाना या अकड़ जाना आदि।4. इस प्रकार के रोग से पीड़ित होने पर व्यक्ति को क्या करना चाहिए?
- विश्राम करें।
- घुटने पर बर्फ के पेक्स और दबावयुक्त बंधन।
- घुटने हेतु ब्रेसेस।
- घुटने को उठाकर रखें।
- जीवन शैली में परिवर्तन।
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