केरेटोकोनस: प्रमुख जानकारी और निदान

केरेटोकोनस क्या है?

केरेटोकोनस एक असामान्य स्थिति है जिसमें आमतौर पर गोलाकार, गुम्बदनुमा रहने वाला कॉर्निया (आँख की स्वच्छ, सम्मुख पाई जाने वाली खिड़की), पतली हो जाती है और कोन की तरह के आकार में उभर आती है। यह असामान्य आकार प्रविष्ट होने वाले प्रकाश को रेटिना पर उचित प्रकार से केन्द्रित होने से रोकता है और दृष्टि में विकार उत्पन्न करता है। केरेटोकोनस का शब्दशः अर्थ होता है कोन के आकार का कॉर्निया।
कॉर्निया आपकी आँख का अत्यंत महत्वपूर्ण हिस्सा होता है। प्रकाश आँख के भीतर कॉर्निया के माध्यम से प्रविष्ट होता है, जो इस प्रकाश को अपवर्तित, या केन्द्रित कर देता है ताकि आप स्पष्ट रूप से देख सकें। केरेटोकोनस के दौरान, कॉर्निया का आकार परिवर्तित हो जाता है, जो आपकी दृष्टि को विकृत कर देता है।

रोग अवधि

केरेटोकोनस के ग्रस्त कई व्यक्ति केवल रोग के मंद प्रकार से पीड़ित होते हैं और बड़ी आसानी से चश्मे द्वारा और/या कोमल कांटेक्ट लेंस द्वारा उनका उपचार किया जा सकता है। हालाँकि कुछ रोगियों को, स्पष्ट रूप से देखने के लिए, अपने जीवनकाल के दौरान स्थाई रूप से सख्त कांटेक्ट लेंस के प्रयोग की आवश्यकता हो सकती है। गंभीर मामलों में कॉर्निया के प्रतिस्थापन की आवश्यकता हो सकती है।

जाँच और परीक्षण

केरेटोकोनस का निर्धारण नियमित नेत्र परीक्षण के दौरान होता है। केरेटोकोनस के गंभीर मामलों के निर्धारण हेतु स्लिट लैंप का प्रयोग किया जाता है, लेकिन कई बार केरेटोकोनस के सूक्ष्म या जटिल मामलों के निर्धारण हेतु कॉर्नियल टोपोग्राफी की आवश्यकता होती है। आपके कॉर्निया के आकार या आकृति निर्धारण हेतु अतिरिक्त जाँचें उचित होती हैं। इन जाँचों में हैं:
  • केरेटोमेट्री
  • कंप्यूटराइज्ड कॉर्नियल मैपिंग।
  • रेटिनोस्कोपी
  • डिस्टेंट डायरेक्ट ओप्थेल्मोस्कोपी।

डॉक्टर द्वारा आम सवालों के जवाब

1. केरेटोकोनस क्या है?
केरेटोकोनस आँख का बढ़ता जाने वाला रोग है जिसमें कॉर्निया पतला हो जाता है और कोन के आकार में उभरने लगता है, जिसके कारण दृष्टि धुंधली और विकृत हो जाती है। केरेटोकोनस का शब्दशः अर्थ होता है कोन के आकार का कॉर्निया।

2. केरेटोकोनस के लक्षण क्या हैं?
इसमें बढ़ते हुए निकट दृष्टिदोष के साथ दृष्टि का धुंधला या विकृत होना, चमकीले प्रकाश और उजाले के प्रति संवेदनशीलता, रात्रि में दृष्टि सम्बन्धी समस्या, आपके कॉर्निया के पिछले हिस्से के फूट जाने और उसमें तरल एकत्रित हो जाने के कारण उत्पन्न हुई स्थिति (हायड्रोप्स) के फलस्वरूप दृष्टि का एकाएक बदतर या धुंधला होना आदि होते हैं।

3. केरेटोकोनस किसे होता है?
केरेटोकोनस का आरंभ अक्सर यौवनारंभ, व्यक्ति की किशोरावस्था या उम्र के दूसरे दशक की शुरुआत, के दौरान होता है।

4. केरेटोकोनस कैसे होता है?
कॉर्निया आपकी आँख का अत्यंत महत्वपूर्ण हिस्सा होता है। प्रकाश आँख के भीतर कॉर्निया के माध्यम से प्रविष्ट होता है, जो इस प्रकाश को अपवर्तित, या केन्द्रित कर देता है ताकि आप स्पष्ट रूप से देख सकें। केरेटोकोनस के दौरान, कॉर्निया का आकार परिवर्तित हो जाता है, जो आपकी दृष्टि को विकृत कर देता है।

5. व्यक्ति को डॉक्टर से कब संपर्क करना चाहिए?
व्यक्ति को डॉक्टर से संपर्क करना चाहिये यदि दृष्टि में एकाएक परिवर्तन हो या दोहरा या विकृत दिखाई पड़ता हो या चमक के प्रति संवेदनशीलता हो या दृष्टि सम्बन्धी समस्याएँ हों। यदि दूर और निकट स्थित वस्तुएँ अस्पष्ट दिखाई पड़ती हैं और चमकीले प्रकाश के चारों तरफ आभामंडल सा दिखाई देता है तो व्यक्ति को तुरंत चिकित्सीय सलाह की आवश्यकता होती है।





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