लक्षण
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बिना किसी लक्षण के छोटे-छोटे पत्थरों का निकलना।
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पीठ, पेट या जांघों में तीव्र दर्द।
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बार-बार और दर्द के साथ मूत्रत्याग।
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मूत्र में रक्त की उपस्थिति।
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मतली और उल्टी।
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मूत्र में दुर्गन्ध और झाग होना।
कारण
जब मूत्र में पानी, लवण (नमक अथवा साल्ट), और खनिजों के सामान्य संतुलन में बदलाव हो जाता है, तब ये रोग होता है। सबसे मुख्य कारण पर्याप्त पानी नहीं पीना है। अन्य कारणों में:
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शऱीर में पानी की कमी
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कभी-कभी दवाएँ भी कारण होती हैं।
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अनुवांशिकता
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भोजन में पशुजन्य प्रोटीन, सोडियम, अंगूर और सेब का रस, विटामिन डी, कैल्शियम पूरकों की अधिक मात्रा।
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चिकित्सीय स्थिति जैसे कि कैंसर या अन्य किडनी विकार।
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