लेप्टोस्पायरोसिस (खेत का बुखार): प्रमुख जानकारी और निदान

लेप्टोस्पायरोसिस (खेत का बुखार) क्या है?

  • लेप्टोस्पायरोसिस एक गंभीर और दुर्लभ संक्रमण है, जो लेप्टोस्पाइरा बैक्टीरिया के संपर्क में आने से होता है।
  • यह रोग अत्यंत मंद और लक्षणहीन से लेकर, एक अत्यंत गंभीर बल्कि प्राणघातक तक हो सकता है, जिसमें किडनी के फेल होने से लेकर अन्य अंगों का रुक जाना तक शामिल है।
  • मनुष्यों में लेप्टोस्पायरोसिस जानवरों से आता है।
  • भूमि या जल किसी संक्रमित पशु के अपशिष्ट से प्रदूषित हो जाता है।
  • लेप्टोस्पायरोसिस के कई अन्य नाम है जैसे वेल्स सिंड्रोम (अत्यंत गंभीर स्थिति), केनिकोला फीवर, ब्लैक जौंडिस आदि।
Leptospirosis overview

रोग अवधि

यदि रोग की पहचान हो जाये, और उचित तरीके से दवाएँ ले ली जाएँ, तो यह 7 दिनों में ठीक हो जाता है।

जाँच और परीक्षण

  • कम्पलीट ब्लड काउंट
  • यूरीनलाईसिस
  • क्रीएटिन काइनेज
  • लिवर एंजाइम्स
  • एंटीबाडीज हेतु रक्त परीक्षण।

डॉक्टर द्वारा आम सवालों के जवाब

1. लेप्टोस्पायरोसिस किसको होता है
लेप्टोस्पायरोसिस एक व्यवसायगत रोग है, जो किसानों, सफाई कर्मचारियों और उन अन्य लोगों को प्रभावित करता है जिनका व्यवसाय में पशुओं खासकर चूहों से संपर्क होता है। लेप्टोस्पायरोसिस मुख्यतया संक्रमित पशुओं के मूत्र से फैलता है और एक व्यक्ति से दूसरे में नहीं फैलता। मनोरंजन के सन्दर्भ में; लेप्टोस्पायरोसिस कैंप पर जाने वालों, पैदल चढ़ाई करने वालों, शिकारियों, प्रतियोगी तैराकों या साहसी रेस लगाने वालों तथा भूमध्यरेखीय देशों की यात्रा करने वालों के लिए खतरा है। यह प्रदूषित नदियों और झीलों में तैराकी, पानी में घूमने और नाव चलाने से जुड़ा है।

2. मैं लेप्टोस्पायरोसिस का उपचार ले रहा हूँ. क्या भविष्य में गुर्दे, हृदय या फेफड़ों में फिर से कोई समस्या हो सकती है?
आमतौर पर ऐसा माना जाता है कि लेप्टोस्पायरोसिस कोई स्थाई समस्या नहीं छोड़ता, लेकिन गुर्दे की समस्या, जो कि इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन से पता चलती है, तीव्र रोग के ठीक होने के कुछ दिन या हफ़्तों बाद तक रह सकती है। फेफड़े का गंभीर रक्तस्राव और लिवर का रोग किसी आगामी बढ़ने वाली या बनी रहने वाली अंग विकार समस्या को उत्पन्न नहीं करते हैं।

3. हमारे पास एक तालाब/झील/नदी है, क्या हमें लेप्टोस्पायरोसिस की जाँच करवानी चाहिए?
ताजे सतही जल की लेप्टोस्पायरा के लिए जाँच में थोड़ा ही लाभ है। जाँच किसी एक समय पर, पानी की किसी थोड़ी मात्रा में, सूक्ष्मजीवी की पहचान करेगी। यह लम्बी (6 सप्ताह) और महँगी भी होती है। किसी अन्य क्षेत्र के सतही जल में लेप्टोस्पायरा उपस्थित हो सकता है, या जाँच के लिए नमूना लिये जाने के बाद आ सकता है।
ये साधारण सावधानियाँ जल का उपयोग करने वाले किसी भी व्यक्ति के खतरे को कम कर सकती है:
  • कटे, छिले या घावों को वाटरप्रूफ प्लास्टर से ढंकें और काम के दौरान कटे छिले या लगे घावों को अच्छी तरह साफ़ करें।
  • उचित सुरक्षात्मक कपड़े, दस्ताने और जूते पहनें।
  • पानी के खेलों के बाद तुरंत स्नान करें, खासकर यदि आप पानी के अन्दर गिर पड़े हों।
  • जमे अथवा धीमे बहते जल में किश्ती या छोटी नाव चलाने का कार्य ना करें।
  • चूहों को सँभालते वक्त मोटे दस्ताने पहनें।
  • किसी पशु की देखभाल के बाद और भोजन के पहले हाथ अच्छी तरह धोएँ।




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