एलआरटीआई क्या है?
निचला श्वसन संक्रमण या एलटीआरआई, श्वसन नलिका (ट्रेकिआ), (श्वास हेतु) हवा के मार्ग और फेफड़ों, जिनसे निचला श्वसन तंत्र बनता है, का तीव्र संक्रमण है। एलटीआरआई में ब्रोंकाइटिस, ब्रोंकिओलाईटिस, क्रूप (लेरिंगोट्रेकियोब्रोंकाइटिस) और निमोनिया होते हैं।रोग अवधि
निचले श्वसन तंत्र में संक्रमण के लक्षण बिना किसी विशेष चिकित्सा और जाँच के तीन सप्ताह की अवधि में हल हो जाते हैं।जाँच और परीक्षण
निचले श्वसन तंत्र के संक्रमण निम्न द्वारा निर्धारित होते हैं:- रोगी का इतिहास और लक्षणों का परीक्षण
- स्टेथोस्कोप की सहायता से जाँच. यदि आपको निचले श्वसन तंत्र का संक्रमण है तो आपकी श्वास रुक रुक कर सुनाई देगी।
- हल्का सा ठोंक कर आपकी छाती में सुनना. यदि आपके फेफड़ों में तरल भरा होगा तो उनका स्वर हवा भरे फेफड़ों से अलग होगा।
- यदि संक्रमण गंभीर हो तो रक्त परीक्षण और एक्स-रे भी करवाया जा सकता है।
डॉक्टर द्वारा आम सवालों के जवाब
Q1. एलआरटीआई क्या है?एलआरटीआई निचले श्वसन तंत्र का वायरस, बैक्टीरिया या अपवादस्वरूप फफूंद से होने वाला संक्रमण है। इसमें बुखार, बलगम युक्त खांसी और शरीर में दर्द होता है। गंभीर स्थिति में व्हीज़ (साँस लेते समय सीटी की आवाज आना) होता है।
Q2. मुझे एलआरटीआई कैसे हो सकता है?
आपको एलआरटीआई तब होता है जब शरीर के रोग प्रतिरक्षा तंत्र का मुकाबला करते हुए रोगाणु फेफड़ों तक पहुँच जाते हैं। सामान्यतया यह श्वास में स्थित सूक्ष्म कणों द्वारा फैलता है।
Q3. एलआरटीआई का इलाज क्या है
कारण के आधार पर उचित जीवाणुरोधी दवाओं द्वारा एलआरटीआई का इलाज किया जाता है। अन्य सहायक दवाओं में बलगम निकलने में सहायक खांसी का सिरप, ब्रोंकोडाईलेटर्स (ब्रोंकाई की सिकुडन कम करने वाली औषधि), नेबुलाईज़ेशन और भाप देना शामिल हैं।
Q4. ठीक होने में कितना समय लगता है?
सामान्यतया उचित चिकित्सा के साथ एलआरटीआई एक सप्ताह में ठीक हो जाता है.
Q5. मैं एलआरटीआई से कैसे बच सकता हूँ?
आप उचित मास्क पहनकर एलआरटीआई से बच सकते हैं। छाती साफ़ रखने के लिए ठंडक की स्थिति में नियमित भाप लें। न्यूमोकोकाई बैक्टीरिया से होने वाले एलआरटीआई से बचाव के लिए 5 वर्ष से छोटे बच्चों और 65 वर्ष से अधिक आयु के वृद्धों में न्यूमोकोकल कोन्जूगेट वैक्सीन लगाई जा सकती है।
Q6. एलआरटीआई की अन्य समस्याएं क्या हैं?
उचित प्रकार से इलाज ना होने पर एलआरटीआई निमोनिया में बदल सकता है.