परहेज और आहार
लेने योग्य आहार
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सब्जियों के सलाद, ताजे फल, साबुत अनाज से निर्मित विभिन्न दलिया, फलियाँ, भूरा चावल, दही, मलाई निकला दूध, भुना आलू, केले, सेब, खजूर, अंजीर, लहसुन, तिल, और धनिया अधिक मात्रा में खाएँ। कम वसा, उच्च रेशे और कम प्रोटीनयुक्त आहार श्रेष्ठ होता है। विटामिन बी काम्प्लेक्स और विटामिन सी लेने की सलाह दी जाती है।
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कच्ची सब्जियाँ जैसे टमाटर, गाजर, पत्तागोभी, ककड़ी, मूली, लेट्यूस, फूलगोभी, पालक और ताजे फल का सेवन दर्द को दूर करने में सहायता करता है।
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कड़वे स्वाद वाली सब्जियाँ जैसे नीम की पत्तियाँ और फूल, करेला और सहजन स्पोंडिलोसिस से आराम प्रदान करने के लिए जाने जाते हैं।
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पानी अधिक मात्रा, दिन में 8 से 10 गिलास तक, पियें।
इनसे परहेज करें
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शक्कर, मैदा, तले, रिफाइंड या प्रोसेस्ड आहार, अतिरिक्त रूप से मिलाए गए पदार्थ जैसे रंग, सुगंध, परिरक्षक और सिरका, शराब, नमक, कॉफ़ी, कोला, चॉकलेट, केक, बिस्कुट, आइसक्रीम, कैन बंद फल और रस, खट्टे फल, छाछ आदि का सेवन बिलकुल बंद करें या कम करें।
योग और व्यायाम
निम्नलिखित व्यायामों को दर्द की सीमा के भीतर करें। व्यायामों को दिन में 4 बार दोहराएँ।
कमर क्षेत्र के मेरुदंड को घुमाना- अपनी पीठ के बल लेटें, घुटने मुड़े हुए हों और पैर तल पर हों। अपने घुटनों को साथ रखते हुए बाईं तरफ उतनी अधिक दरी तक ले जाएँ जहाँ तक आपको आराम बना रहे और इसके बाद इसे दाहिनी तरफ दोहराएँ। एक बार की सहज गति में शुरुआती स्थिति में लौट आएँ।
श्रोणि क्षेत्र को झुकाना- अपनी पीठ के बल लेटें, घुटने मुड़े हुए हों और पैर तल पर हों। अपने पेट को कसकर खीचें और अपनी पीठ को फर्श के तल से सटा दें। इससे आपके कूल्हे थोड़े उठ जाएंगे। अपने पेट को धीरे-धीरे ढीला छोडें और शुरुआती स्थिति में वापस लौटें।
सेतु बनाना- अपनी पीठ पर लेटें घुटने मुड़े हुए हों और पंजे बिस्तर पर समतल हों। अपने कूल्हों को धीमे-धीमे बिस्तर से उतना ऊँचा उठाएँ जितना आप आसानी से कर सकें। 5 सेकंड रुकें और हौले से कमर को शुरुआती स्थिति में ले आएँ। यह निश्चित करें कि आपका सिर और गर्दन सीधे हों ताकि गरदन के जोड़ों पर खिंचाव ना पड़े।
कमर क्षेत्र के मेरुदंड को फैलाना – अपने पेट के बल लेटें और अपने हाथों की हथेलियों को कंधे के सामने नीचे रखें। अपने कूल्हों को फर्श पर रखते हुए अपनी भुजाओं को सीधा खींचें ताकि आपकी पीठ मुड़ जाए। उतना पीछे धकेलें जितना आप आसानी से कर सकें। 5 सेकंड रुकें और हौले से कमर को शुरुआती स्थिति में ले आएँ।
कुछ योगासन और प्रक्रियाएँ लम्बर स्पोंडिलोसिस से आराम दिलाने में सहायक होते हैं:
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सूर्य नमस्कार चरण अ और ब, कमर को मजबूत और लचीला करने के लिए उत्तम होता है।
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भुजंगासन, कमर को खिंचाव देकर आराम करता है।
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शलभासन, कमर को मजबूत करता है।
संगीत और ध्यान
ध्यान शरीर की मांसपेशियों के तनाव को आराम देता है, मन को शांत करता है और मन और शरीर को ठीक होने में सहायता करता है। शांति से बैठें और अपनी श्वास पर एकाग्र हों, यह तनाव को दूर करने में सहायक होता है।
घरेलू उपाय (उपचार)
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गर्म जल से स्नान या दर्द वाले क्षेत्र पर गर्म जल से सिंकाई दर्द में आराम देती है। आप दर्द के क्षेत्र पर 10-15 मिनटों के लिए गर्म पानी की बोतल या विद्युत् द्वारा गर्म सिंकाई करने वाला पैड या इन्फ्रा-रेड लैंप का प्रयोग भी कर सकते हैं।
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दर्द को कम करने के लिए प्रभावित क्षेत्र पर बर्फ या गर्म सिंकाई का पैड लगाएँ। किसी भी एक प्रकार की सिंकाई के मुकाबले बारी-बारी से गर्म और ठंडी चिकित्सा अधिक प्रभावी होती है।
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प्रभावित क्षेत्र की मालिश करें, यह मांसपेशियों का तनाव हटाती है और दर्द को दूर करती है।
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सख्त बिस्तर पर दृढ किन्तु आरामदायक गद्दे पर सोएँ। तकिये का उचित होना आवश्यक होता है। मेरुदंड सर से लेकर श्रोणि क्षेत्र तक सीधा होना चाहिए।
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पेट के बल सोने की सलाह नहीं दी जाती, क्योंकि यह पीठ को फैलाता और उसपर तनाव डालता है।
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सीधे बैठें और यदि आवश्यक हो तो किसी सहारे का प्रयोग करें, जैसे कमर के लिए गद्दे का प्रयोग।
- शरीर को आराम दें।