मेसेंटेरिक लिम्फ़ेडिनाइटिस: प्रमुख जानकारी और निदान

मेसेंटेरिक लिम्फ़ेडिनाइटिस क्या है?

मेसेंटेरिक लिम्फ़ेडिनाइटिस, जिसे मेसेंटेरिक एडिनाइटिस भी कहते हैं, उस स्थिति को बताता है जिसमें पेट की मेसेंटेरी में उपस्थित लसिका ग्रंथियाँ (वे ऊतक जो आपके शरीर को रोगों से मुकाबला करने में मदद करते हैं) सूज जाती हैं। मेसेंटेरी आँतों की परतों को पेट की दीवार से जोड़ने वाले ऊतकों को कहते हैं।
आमतौर पर मेसेंटेरिक लिम्फ़ेडिनाइटिस आंत के संक्रमण का परिणाम होता है। इससे अक्सर पेट दर्द उत्पन्न होता है। यह बच्चों और किशोरों में आम समस्या है।

रोग अवधि

सामान्यतया लक्षण कुछ दिनों में ठीक हो जाते हैं, और दो सप्ताहों में पूरी तरह साफ हो जाते हैं। यदि कारण बैक्टीरिया द्वारा उत्पन्न संक्रमण हो, तो उपचार ना होने की दशा में स्थिति गंभीर हो सकती है, वैसे ऐसा होता अत्यंत दुर्लभ मामलों में है।

जाँच और परीक्षण

डॉक्टर इन लक्षणों के बारे में पूछताछ करेंगे और विस्तृत चिकित्सीय इतिहास लेंगे। वे कुछ जाँचें भी करवा सकते हैं। रक्त परीक्षण, मूत्र परीक्षण, या पेट का अल्ट्रासाउंड या सीटी स्कैन लक्षणों के अन्य कारणों का पता लगाने में मदद करते हैं।

डॉक्टर द्वारा आम सवालों के जवाब

Q1. मेसेंटेरिक लिम्फ़ेडिनाइटिस क्या है?
मेसेंटेरिक लिम्फ़ेडिनाइटिस, जिसे मेसेंटेरिक एडिनाइटिस भी कहते हैं, उस स्थिति को बताता है जिसमें पेट की मेसेंटेरी में उपस्थित लसिका ग्रंथियाँ (वे ऊतक जो आपके शरीर को रोगों से मुकाबला करने में मदद करते हैं) सूज जाती हैं। यह ग्रंथियाँ सैकड़ों की संख्या में होती हैं जो आपके शरीर को रोगों से मुकाबले में मदद करती हैं। ये सूक्ष्म “आक्रमणकारियों” जैसे वायरस या बैक्टीरिया को पकड़कर नष्ट करती हैं। मेसेंटेरी आँतों की परतों को पेट की दीवार से जोड़ने वाले ऊतकों को कहते हैं।

Q2. व्यक्ति को डॉक्टर से संपर्क कब करना चाहिए?
यदि पेट का दर्द चार घंटों से अधिक समय तक बना हुआ है, तेज बुखार, थकावट या ऊर्जा की कमी और मतली, उल्टी और अतिसार आदि है तो डॉक्टर से संपर्क किया जाना चाहिए।

Q3. इसकी समस्याएँ क्या हैं?
आमतौर पर मेसेंटेरिक लिम्फ़ेडिनाइटिस स्वयम ही ठीक हो जाता है और अत्यंत कम मामलों में समस्या उत्पन्न करता है। लेकिन यदि लसिका ग्रंथियों की सूजन बैक्टीरिया द्वारा उत्पन्न गंभीर संक्रमण से होती है, जिसका उपचार ना हुआ हो, तो बैक्टीरिया आपके रक्तप्रवाह में प्रविष्ट हो सकता है, जिससे अत्यंत गंभीर प्राणघातक स्थिति (सेप्सिस) उत्पन्न हो सकती है।

Q4. क्या शल्यक्रिया की आवश्यकता होती है?
आमतौर पर एंटीबायोटिक्स या आइवी फ्लुइड्स द्वारा किया गया चिकित्सीय उपचार ही सर्वोत्तम है और शल्यक्रिया की आवश्यकता अत्यल्प मामलों में होती है। आमतौर पर शल्यक्रिया की सलाह, पेरिटोनाइटीस के संकेतों के साथ, पीप और/या घाव होने पर, या यदि तीव्र अपेन्डिसाइटिस निश्चितता के साथ ना निकाला जा सके, तब दी जाती है। लेपरोटोमी के समय, सामान्यतया निर्धारण स्पष्ट होता है।लिम्फ़ेडिनाइटिस के पुनः होने की प्रवृत्ति को ध्यान रखते हुए और एडिनाइटिस को अपेन्डिसाइटिस से भिन्न कर पाने की कठिनाई को ध्यान रखते हुए निश्चित रूप से अपेंडेक्टोमी (अपेंडिक्स को निकालना) की जानी चाहिए।

 
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