माएल्जिया – माँसपेशियों का दर्द क्या है?
माएल्जिया अर्थात “माँसपेशियों का दर्द” होता है और यह कई रोगों और विकारों का लक्षण होता है। माएल्जिया शब्द यूनानी शब्द ‘मायोस’ अर्थात मांसपेशी और ‘अल्गोस’ अर्थात दर्द से मिलकर बना है। दर्द किसी विशेष क्षेत्र में हो सकता है या पूरे शरीर में हो सकता है। दर्द मंद और सहनीय से लेकर तीव्र और असहनीय तक हो सकता है।रोग अवधि
रोग का निर्धारण प्रभावित मांसपेशी के परीक्षण और चिकित्सीय इतिहास द्वारा होता है। अन्य जाँचें जैसे अल्ट्रासाउंड या एक्स-रे, अनुमान को निश्चित निर्धारण में बदलती हैं।
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रक्त परीक्षण।
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अल्ट्रासाउंड (सोनोग्राफी)
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आकृति के विभिन्न हिस्से दिखाने वाली प्रक्रिया जैसे कि कंप्यूटेड टोमोग्राफी (सीटी) और मैग्नेटिक रेजोनेंस इमेजिंग (एमआरआई)।
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विद्युतीय-शारीरिक जाँच (इलेक्ट्रोमायोग्राफी)।
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माँसपेशियों की बायोप्सी (माँसपेशियों से ऊतक के नमूने)।
जाँच और परीक्षण
मांसपेशियों का दर्द (माएल्जिया) मंद से तीव्र के मध्य होता है। माँसपेशियों के अधिक उपयोग की थोड़े जोर वाली स्थिति से उबरने में 48 घंटों का समय लगता है। यदि दर्द मंद है तो उचित घरेलू चिकित्सा के साथ ये 2-3 दिनों में चला जाता है। यदि दर्द गंभीर है तो ठीक होने में नियमित चिकित्सा के साथ कुछ माह लगते हैं।डॉक्टर द्वारा आम सवालों के जवाब
Q1. माएल्जिया क्या है?माएल्जिया अर्थात “माँसपेशियों का दर्द” होता है और यह कई रोगों और विकारों का लक्षण होता है। माएल्जिया शब्द यूनानी शब्द ‘मायोस’ अर्थात मांसपेशी और ‘अल्गोस’ अर्थात दर्द से मिलकर बना है। दर्द किसी विशेष क्षेत्र में हो सकता है या ये आपके पूरे शरीर में हो सकता है। दर्द मंद और सहनीय से लेकर तीव्र और असहनीय तक हो सकता है।
Q2. मुझे डॉक्टर से कब मिलना चाहिए?
आमतौर पर माएल्जिया स्वयं ही कम होता जाता है, लेकिन व्यक्ति को डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए यदि:
- तीव्र दर्द है जो लगातार 3 दिनों से हो रहा है।
- आपके पैरों में झुनझुनी और सनसनाहट का एहसास है।
- पीठ में नया दर्द होना या पुराने दर्द का बढ़ जाना।
- मूत्र और मलत्याग पर नियंत्रण कम होना।
- असामान्य दर्द जो आपकी कमर और छाती के क्षेत्र को जकड़ लेता है।
- प्रभावित क्षेत्र पर सूजन या लालिमा।
Q3. ऊष्ण चिकित्सा माएल्जिया को कैसे ठीक करती है?
उष्णता ऊतकों का तापमान बढ़ाती है, जिससे रक्तवाहिनियाँ फैलती हैं और ऊतकों में ऑक्सीजन एवं पोषक तत्वों की अधिक मात्रा पहुँचती है तथा कार्बन डाइऑक्साइड और अपशिष्ट पदार्थों का निष्कासन भी अधिक होता है।
इसलिए यह माँसपेशियों की ऐंठन, माएल्जिया, फाइब्रोमाएल्जिया, सिकुड़न और बरसाइटिस के लिए उपयोगी है।
चूंकि ऊष्मा रक्तवाहिनियों को फैलाती है, इसलिए इसे उन ऊतकों, जिनमें वाहिकाओं द्वारा अपर्याप्त उपलब्धता की जाती है, तीव्र चोटों में, रक्तस्राव के विकारों में (क्योंकि ऊष्मा रक्तस्राव बढ़ाती है), तीव्र संवेदनहीन ऊतकों में और घावों में नहीं देना चाहिए।
Q4. मैं स्टेटिन, कोलेस्ट्रॉल कम करने वाली दवा, ले रहा हूँ. क्या इससे माएल्जिया हो सकता है?
अधिकतर लोग जो स्टेटिन लेते हैं, वे उनके प्रति सहिष्णु होते है. लेकिन कुछ लोगों को इसके दुष्प्रभाव भी होते हैं। स्टेटिन के सबसे आम दुष्प्रभावों में :
- सिरदर्द
- सोने में कठिनाई
- त्वचा का निकलना
- माँसपेशियों में दर्द, पीड़ा और कमजोरी (माएल्जिया)।
- खतरा तब बढ़ जाता है जब स्टेटिन्स को फिब्रेट्स, कोलेस्ट्रॉल कम करने वाला एक अन्य प्रकार का ड्रग, के साथ दिया जाता है. इस प्रकार के ड्रग्स के द्वारा उत्पन्न माएल्जिया का कारण सीपीके एंजाइम का बढ़ा हुआ स्तर होता है।
Q5. माएल्जिया से जुड़े त्वचा के निशान खतरनाक क्यों लगते हैं?
माएल्जिया से जुड़े त्वचा के निशान एओसिनोफिलिक माएल्जिया सिंड्रोम की दिशा में प्रतीत होते हैं, जो कि रेपसीड तेल में उपस्थित प्रदूषक एल-ट्रिप्टोफेन की अधिक मिलावट के कारण होता है। इस सिंड्रोम का घातक दुष्प्रभाव 1989 में यूके और स्पेन में हुआ था। वैसे यह रोग प्राणघातक नहीं है।
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