रोकथाम (बचाव)
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कानों को सूखा रखें
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यदि आप नियमित तैराक हैं तो तैराकी की टोपी लगाएँ।
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प्रदूषित पानी या स्थान पर ना तैरें।
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अपने कानों में बाहरी वस्तुएँ (पिन, ऊँगली, फाहा आदि) ना डालें।
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बालों के स्प्रे और हेयर डाई जैसे एलर्जी उत्पन्न करने वाले उत्पाद प्रयोग ना करें।
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दवा की दुकान पर बिना पर्चे के मिलने वाले कान के ड्राप का प्रयोग एक सप्ताह से अधिक ना करें।
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यदि लक्षणों में आराम नहीं पड़ रहा है तो डॉक्टर को तुरंत दिखाएँ।
अन्य
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यह गर्मी और नमी वाले महीनों में ज्यादा होता है।
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वे लोग जिन्हें अस्थमा, एक्जिमा या एलर्जी से उत्पन्न नाक की सूजन है, उन्हें बाहरी कान की सूजन होने की सम्भावना 3 गुना अधिक होती है।
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सभी आयु वर्ग प्रभावित होते हैं।
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पुरुषों और स्त्रियों में बराबर होता है।
ध्यान देने की बातें
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चिपचिपे मोमनुमा पदार्थ की अनुपस्थिति।
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कान में पानी का बना रह जाना।
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तापमान का बढ़ना।
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कान में तीव्र दर्द।
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कान में खुजली होना।
डॉक्टर को कब दिखाएँ
अपने डॉक्टर से संपर्क करें यदि
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बुखार या बिना बुखार के कान में दर्द हो।
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कान या कान की नली में लगातार खुजली हो।
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एक अथवा दोनों कानों से कम या बिलकुल ही सुनाई नहीं दे रहा हो।
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कान से द्रव निकल रहा हो, खासकर जब यह गाढ़ा, रंगहीन, रक्त युक्त, या बदबूदार हो।