पेन्क्रियाटाइटिस क्या है?
पैंक्रियास मनुष्य के शरीर की सबसे बड़ी ग्रंथि होती है जो छोटी आंत के ऊपरी हिस्से में स्थित होती है। पैंक्रियास द्वारा उत्पन्न एंजाइम पाचन में सहायता करते हैं और इसके द्वारा उत्पन्न हार्मोन आपके शरीर द्वारा शक्कर (ग्लूकोस) के प्रसंस्करण को नियंत्रित करता है।पेन्क्रियाटाइटिस पैंक्रियास की सूजन को कहते हैं। पैंक्रियास की क्षति तब होती है जब पाचक एंजाइम बड़ी आंत में प्रवाहित होने के पहले ही सक्रिय हो जाते हैं और पैंक्रियास पर आक्रमण करना आरंभ कर देते हैं। यह तीव्र (एकाएक और गंभीर) तथा दीर्घ (लम्बे समय तक बना रहने वाला) हो सकता है। महिलाओं और पुरुषों में अक्सर दोनों प्रकार का पेन्क्रियाटाइटिस पाया जाता है।
रोग अवधि
तीव्र पेन्क्रियाटाइटिस से ग्रस्त अधिकतर लोग एक सप्ताह में ठीक हो जाते हैं और आगे कोई समस्या का अनुभव नहीं करते, लेकिन गंभीर मामलों में चिंताजनक जटिलताएं होती हैं जो प्राणघातक तक हो सकती हैं।जाँच और परीक्षण
- शारीरिक परीक्षण।
- रक्त और मल परीक्षण।
- पेट का एक्स-रे।
- सीटी और अल्ट्रासाउंड स्कैन।
- एंडोस्कोपी
- एमआरआई
डॉक्टर द्वारा आम सवालों के जवाब
1. पेन्क्रियाटाइटिस क्या है?पेन्क्रियाटाइटिस पैंक्रियास की ग्रंथि की सूजन को कहते हैं।
2. पेन्क्रियास क्या है?
पैंक्रियास मनुष्य के शरीर की सबसे बड़ी ग्रंथि होती है जो छोटी आंत के ऊपरी हिस्से में स्थित होती है। पैंक्रियास द्वारा उत्पन्न एंजाइम पाचन में सहायता करते हैं और इसके द्वारा उत्पन्न हार्मोन आपके शरीर द्वारा शक्कर (ग्लूकोस) के प्रसंस्करण को नियंत्रित करता है।
3. पेन्क्रियाटाइटिस के कौन से प्रकार हैं?
यह तीव्र (एकाएक और गंभीर) तथा दीर्घ (लम्बे समय तक बना रहने वाला) हो सकता है।
4. रोग उत्पन्न होने के कितने अवसर होते हैं?
महिलाओं और पुरुषों में अक्सर दोनों प्रकार का पेन्क्रियाटाइटिस पाया जाता है।
5. इस रोग से ग्रस्त होने पर क्या करना चाहिए?
व्यक्ति को शराब पीने और धूम्रपान से दूर रहना चाहिए, अधिक मात्रा में तरल पदार्थ लें, कम वसायुक्त आहार और एंजाइम पूरक लें।
6. व्यक्ति को डॉक्टर से संपर्क कब करना चाहिए?
अपने डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें यदि आपको लगातार पेटदर्द, निम्न रक्तचाप के साथ शरीर में पानी की कमी और कमजोर पाचन जो कुपोषण तक जाता है के साथ हृदय और गुर्दे के कार्य का बंद होना आदि हों।
7. पेन्क्रियाटाइटिस की समस्याएँ क्या हैं?
यह आपातकालीन स्थिति होती है और यदि डॉक्टर से तुरंत संपर्क ना किया जाए तो यह आघात और अंगों के कार्य बंद करने की स्थिति तक पहुँच सकती है।
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