परहेज और आहार
लेने योग्य आहार- उच्च रेशा युक्त आहार जैसे सब्जियाँ, पकी हुई सूखी मटर और फलियाँ (दालें), साबुत अनाज के आहार, चोकर, दलिया, पास्ता, चावल और ताजे फल
- पानी अधिक मात्रा में पियें।
- हलके, मृदु आहार लें (जैसे नमकीन क्रैकर्स या सादी ब्रेड)।
- विटामिन पूरकों का प्रतिदिन सेवन।
- प्रोटीन-माँस, मछली, अंडे, पनीर, दही, मेवे, फलियाँ और दालों से प्राप्त उच्च प्रोटीन।
- तले, चिकने और मीठे आहार त्यागें।
- ठन्डे और गरम आहार मिलाकर ना लें।
- संतरे और ग्रेपफ्रूट का रस ना लें
- शक्कर का प्रयोग सीमित और नमक का प्रयोग कम करें।
- शराब ना पियें।
योग और व्यायाम
रोग के लक्षणों को प्रबंधित करने के लिए व्यायाम को आवश्यक हिस्सा माना जाता है। लक्षणों से मुक्ति के लिए निम्नलिखित व्यायाम किये जा सकते हैं: साइकिल चलाना, तैरना, पैदल चलना, नृत्य करना।निम्नलिखित स्ट्रेचिंग और लचीलेपन के व्यायाम माँसपेशियों की जकड़न को दूर करने, लचीलेपन को बढ़ाने और दिन-प्रतिदिन के कामों को आसान बनाने में सहायक होते हैं:
- दीवार से 8 इंच दूरी पर खड़े हों और अपनी भुजाएँ ऊपर रखें। इसके बाद, संतुलन के लिए अपने हाथ दीवार पर रखें और अपनी भुजाओं और पीठ पर जोर डालें।
- सहारे के लिए दीवार के विरुद्ध अपनी पीठ रखें और घुटनों को जितना संभव हो उतना ऊपर रखकर उसी स्थान पर चलें।
- कुर्सी पर ऊँची और सीधी पीठ रखकर बैठें और अपनी भुजाओं को कुर्सी के पीछे खीचें, अपने कन्धों को जितना पीछे ले जा सकें ले जाएँ। जब आप खींच रहे हों तो अपने सिर को छत की तरफ उठाएँ।
- कुर्सी पर बैठकर, अपने पैर ऊपर और नीचे मारें साथ ही अपनी दोनों तरफ अपनी भुजाओं को ऊपर और नीचे ले जाएँ।
योग
- ताड़ासन से उर्ध्व हस्तासन
- उत्तानासन
- वीरभद्रासन
- जठर परिवर्तनासन
- सुप्त बद्ध कोणासन
संगीत और ध्यान
ध्यान की तकनीकें विचारों, समझ और मिजाज के परिवर्तनों को उन्नत करती हैं, और वे हैं:- विपश्यना ध्यान
- सजग ध्यान
- पैसेज मैडिटेशन (ध्यान की एक विधि)
घरेलू उपाय (उपचार)
- सीधे सामने चलते हुए लम्बे-लम्बे कदम लें, एड़ी और ऊँगली के उचित प्रकार पर ध्यान रखें।
- चलते और मुड़ते समय पैरों को कम से कम 10 इंच की दूरी पर रखें ताकि शरीर को अधिक सहारा मिल सके और गिरने का खतरा कम हो जाए।
- रबर के तले वाले जूते ना पहनें, ये फर्श से चिपक जाते हैं और गिरने का खतरा बढ़ाते हैं।
- पेय पदार्थ धीमे-धीमे पियें।
- भोजन के दौरान पेय लेने के स्थान पर भोजन के बीच के अन्तराल में लें।
- दिन भर में भोजन की कम मात्रा बार-बार लें और धीमे-धीमे खाएँ।
- आराम अधिक करें।