रोकथाम (बचाव)
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अपने हाथों को साबुन से बार-बार और अच्छी तरह से धोएँ।
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वस्तुएँ बाँटकर उपयोग ना करें।
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खाँसते और छींकते समय अपने मुँह और चेहरे को टिश्यू से ढंकें।
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भरी हुई नाक के उपचार हेतु नमकयुक्त ड्रॉप्स (सेलाइन) का प्रयोग करें।
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स्नानागार और रसोईघर के फर्श को नियमित स्वच्छ करें।
ध्यान देने की बातें
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त्वचा का रंग नीला या धूसर होना।
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यदि कोई झटका आता है।
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साँस लेने में कठिनाई और नाक में हवा खींचने और स्वच्छ करने के बाद भी सुधार ना होना।
डॉक्टर को कब दिखाएँ
डॉक्टर से संपर्क करें यदि बच्चे में निम्न लक्षण हैं:
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दूध पीने में कठिनाई या तरल पदार्थों का अपर्याप्त सेवन।
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गंभीर रूप से चिड़चिड़ापन।
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तेज और ध्वनियुक्त श्वसन।
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नीले होंठ।
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