बच्चों में पीलिया: प्रमुख जानकारी और निदान

बच्चों में पीलिया क्या है?

जब लाल रक्त कणिकाएँ विखंडित होती हैं, एक पदार्थ बनता है, जिसे बिलीरुबिन कहते हैं। यह बिलीरुबिन जब बच्चे के शरीर के ऊतकों, रक्त और तरल में निर्मित होता है, तो रक्त में बिलीरुबिन रंगद्रव्य के अत्यधिक जमा होने के कारण यह बच्चे की त्वचा और ऊतकों के रंग को पीला कर देता है। इस स्थिति को पीलिया या हाइपरबिलिरुबिनेमिया कहा जाता है।

रोग अवधि

आमतौर पर रोग से उबरने की अवस्था चपेट में आने के 6 से 8 सप्ताह में शुरू होती है। अत्यल्प मामलों में 3-4 माह तक लग सकते हैं।

जाँच और परीक्षण

पीलिया रोग के निर्धारण हेतु की जाने वाली जांचों में हैं:
  • शारीरिक परीक्षण।
  • लाल रक्त कणिकाओं की मात्रा।
  • रक्त प्रकार और Rh असंगतता की जाँच।
  • बिलीरुबिन का प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष स्तर।
  • लीवर की कार्यक्षमता की जांचें।
  • एक्स-रे, सीटी स्कैन, अल्ट्रासाउंड।




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