पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज (PID, जननांगों का संक्रमण) क्या है?
पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज, गर्भाशय, डिम्बवाहिनियों (डिम्बग्रंथि से गर्भाशय तक अंडे को ले जाने वाली नलिका), डिम्बग्रंथियों और अन्य प्रजनन अंगों की सूजन के लिए प्रयुक्त होने वाला शब्द है। इसका परिणाम समीपस्थ ऊतकों और अंगों से सटकर घावों की उत्पत्ति है और यह प्रजननहीनता, पेल्विक क्षेत्र के दर्द और घाव बनने तक पहुँच सकता है।रोग अवधि
पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज के अधिकतर मामले एंटीबायोटिक उपचार के 10 से 14 दिनों में ठीक हो जाते हैं। अधिक गंभीर मामलों के उपचार हेतु अस्पताल जाना पड़ सकता है।जाँच और परीक्षण
निर्धारण शारीरिक परीक्षण द्वारा शुरू होता है जिससे बुखार, पीड़ा युक्त पेल्विक क्षेत्र और डिम्ब ग्रंथियों का पता चलता है।- गर्भाशय से रक्तस्राव
- गर्भक्षेत्र के हिलने के साथ दर्द होना
- प्रयोगशाला जाँचों में ईएसआर (एरिथ्रोसाईट सेडिमेंटेशन रेट), श्वेत रक्त कणिकाओं की संख्या आदि हैं।
- अन्य जाँचों में-अल्ट्रासोनोग्राफी, एन्डोमेट्रिअल बायोप्सी, लेप्रोस्कोपी हैं।
डॉक्टर द्वारा आम सवालों के जवाब
Q1. पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज (पीआईडी) क्या है?पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज, गर्भाशय, डिम्बवाहिनियों (डिम्बग्रंथि से गर्भाशय तक अंडे को ले जाने वाली नलिका), डिम्बग्रंथियों और अन्य प्रजनन अंगों की सूजन के लिए प्रयुक्त होने वाला शब्द है।
संक्रमण प्रजनन तंत्र से आगे बढ़कर पेल्विक पेरिटोनाईटिस, सामान्य पेरिटोनाईटिस, पेरीहेपेटाइटिस, पेरीस्प्लेनाईटिस, या पेल्विस में घाव उत्पन्न करने तक जा सकता है
Q2. मुझे पीआईडी है, मुझे कैसे पता चलेगा?
- मासिक स्राव और संभोग के दौरान निचले पेल्विस में दर्द होना।
- मासिक चक्र के बीच में रक्तस्राव होना।
- मासिक चक्र के दौरान असामान्य रूप से अधिक रक्तस्राव होना।
- अधिक या दुर्गन्धयुक्त योनि स्राव।
- बार-बार या दर्द्युक्त मूत्रत्याग।
- मतली और उल्टी।
- बुखार और कंपकंपी।
संभोग के दौरान क्लेमायडिया या गोनोरिया आपके गर्भाशय या अन्य किसी प्रजनन अंग में प्रवेश कर जाते हैं। बैक्टीरिया आपके पेल्विक क्षेत्र में भी जा सकते हैं यदि आपके गर्भाशय का मुख सामान्य से बड़ा हो, जो कि प्रसव के बाद होता है। रक्त की उपस्थिति (खासकर मासिक चक्र के दौरान) भी आपको संक्रमित करने के लिए अनुकूलता पैदा करती है।
Q4. क्या दूसरे भागीदार का उपचार भी होना चाहिए?
जी हाँ, दूसरे भागीदार का उपचार भी जरूरी है, क्योंकि उसके भी बराबर मात्रा में संक्रमित जीवाणुओं के वाहक होने की संभावना है।
Q5. क्या पीआईडी के लिए शल्यक्रिया की आवश्यकता है?
डिम्ब वाहिनियों की सूजन के उपचार के दौरान प्राणघातक संक्रमण की स्थिति में शल्यक्रिया आवश्यक होती है (जैसे कि वाहिनी और डिम्बग्रंथि के घाव का फूट जाना) या घाव से अपशिष्ट निष्कासन हेतु. शल्यक्रिया के पारंपरिक तरीके पर्याप्त होते हैं. पेल्विक घावों के अपशिष्ट को अक्सर पोस्टीरियर कोल्पोटोमी द्वारा निकाला जाता है, और सामान्य पेरिटोनाईटिस हेतु पेरीटोनिअल लेवेज उपयोग किया जाता है.