पोलियो: प्रमुख जानकारी और निदान

पोलियो क्या है?

पोलियो वायरस द्वारा उत्पन्न संक्रमण है जो एक व्यक्ति से दूसरे में फैलता है. यह अत्यंत संक्रामक होता है। यह शरीर में मुँह द्वारा प्रविष्ट होता है और आँतों में वृद्धि करता है। यह तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करता है जिससे लकवा हो सकता है। यह मुख्यतः पाँच वर्ष से छोटे बच्चों में प्रभाव डालता है। इसे पोलियो, बच्चों का लकवा और पोस्ट-पोलियो सिंड्रोम भी कहा जाता है।
OVERVIEW OF POLIO

जाँच और परीक्षण

  • शारीरिक परीक्षण
  • वायरस की उपस्थिति जानने हेतु गले के स्राव, मल और मस्तिष्क के द्रव का परीक्षण किया जाता है
  • पोलियो वायरस हेतु एंटीबाडीज के स्तर का परीक्षण

डॉक्टर द्वारा आम सवालों के जवाब

Q1. पोलियो का इलाज कैसे किया जाता है?
ये दुखद है कि पोलियो का कोई इलाज नहीं है. कई अन्य वायरस रोगों की तरह, इसे भी टीके की सहायता लेकर शरीर में प्रवेश करने से रोका जा सकता है. यदि वायरस एक बार शरीर में प्रविष्ट हो गया तो निकाला नहीं जा सकता. अच्छी बात यह है कि आधुनिक चिकित्सा आपको कुछ दवाएँ जैसे एंटीबायोटिक्स और दर्द निवारक देती है जिसे स्वास्थ्यवर्धक आहार के साथ लेकर आप लक्षणों में राहत पा सकते हैं

Q2. जब वायरस शरीर में प्रवेश कर जाता है तो क्या होता है?
पोलियो शरीर में मुँह से प्रवेश करता है, एक बार मुँह में आने के बाद यह गले और आंत की म्यूकस में फ़ैल जाता है. इसके बाद, वायरस शरीर की कोशिकाओं को दूषित करता है और वृद्धि प्रारंभ कर देता है. प्रवेश के एक या दो सप्ताह बाद, वायरस उच्च मात्रा में वृद्धि कर लेता है और रक्त प्रवाह में अवशोषित हो जाता है. कुछ मामलों में, वायरस मस्तिष्क के ऊतकों को प्रभावित कर देता है जिससे लकवा हो जाता है

Q3. इंजेक्शन की अपेक्षा पोलियो की पीने की दवा बेहतर क्यों होती है/
पीने वाली पोलियो ड्राप आँतों में ली जाती है और यह आँतों में वायरस पर नियंत्रण करके स्थानीय प्रतिरक्षण प्रदान करती है. मुँह से ली जाने वाली दवा के मुकाबले इंजेक्शन कम प्रभावी होते हैं. आईपीवी केवल तभी उपयोग किया जाना चाहिये जब रोगी, या उसका घरेलू निकटवर्ती, निर्बल प्रतिरोधक शक्ति वाला हो

Q4. मेरे बच्चे ने पल्स पोलियो के सभी डोसेस लिए हैं, क्या उसे नियमित प्रतिरक्षण भी करवाना चाहिए?
जी हाँ. पल्स पोलियो आपके बच्चे को केवल पोलियो से बचाने के लिए है
लेकिन नियमित प्रतिरक्षक टीके अन्य रोगों से भी बचाते हैं, जैसे ट्यूबरक्लोसिस, डिफ्थीरिया, पर्टुसिस, टिटनेस, मीज़ल्स आदि. नियमित प्रतिरक्षण में पोलियो का टीका अतिरिक्त रूप से दिया जा सकता है



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