पोस्ट इंफ्लेमेटरी हाइपरपिगमेंटेशन (सूजन के बाद गहरी त्वचा) क्या है?
पोस्ट इंफ्लेमेटरी हाइपर पिगमेंटेशन, या पीआईएच, त्वचा की रंग हीनता या रंग का गहरा होना है जो किसी सूजन वाले घाव के बाद उत्पन्न होता है। यह सूजन के लिए त्वचा की प्राकृतिक प्रतिक्रिया है। पीआईएच त्वचा पर रंगहीनता के एक चपटे निशान जैसा दिखाई पड़ता है जो कि गुलाबी से लेकर लाल, जामुनी, काला और भूरा तक हो सकता है, और यह आपकी त्वचा के प्रकार और रंगहीनता की त्वचा में गहराई पर निर्भर करता है।रोग अवधि
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ठीक होने की प्रक्रिया रोगी की स्थिति पर निर्भर करती है, इसलिए ठीक होने के लिए लगने वाले समय की मात्रा आपकी त्वचा, पीआइएच की गंभीरता, आपके द्वारा चुना गया उपचार, और उपचार लेते रहने की आपकी नियमितता पर निर्भर करता है।
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कुछ मामलों में यह लम्बे समय तक या स्थाई रूप से भी हो सकता है। कई लोगों के लिए, खासकर जिनकी त्वचा का रंग गहरा है, भलीभांति सुधार दिखाई पड़ने के लिए कम से कम 3 से 6 माह का उपचार आवश्यक है, और पूरी तरह ठीक होने के लिए यह एक या अधिक वर्षों तक का समय ले सकता है।
जाँच और परीक्षण
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वुड्स लैंप एग्जामिनेशन।
- यदि रंग के गहरे होने का कोई पूर्व ज्ञात कारण नहीं है तो त्वचा की बायोप्सी की आवश्यकता होती है।
डॉक्टर द्वारा आम सवालों के जवाब
Q1. हाइपरपिगमेंटेशन को उत्प्रेरित करने वाले ड्रग कौन से हैं?
नॉन-स्टेरॉयडल एंटी-इंफ्लेमेटरी ड्रग (सूजन रोधी दवाएँ) (एनएसएआईडी), सल्फोनामाइड्स, बार्बीचुरेट्स, टेट्रासाइक्लिन और वह ड्रग जो मेलेनिन से जटिलता कर सकते हैं (जैसे मलेरिया रोधी) या आयरन, इन सभी का अधिक मात्रा में और बार-बार उपयोग हाइपरपिगमेंटेशन कर सकता है।
Q2.पीआइएच में कमी की गति को बढ़ाने के लिए मैं क्या कर सकता हूँ?
पीआइएच हेतु त्वचा पर ऊपर से लगाए जाने वाले या लेज़र द्वारा दिए जाने वाले सभी संभावित उपचारों के साथ नई बीमारियों का उत्पन्न होना, पिगमेंट इकट्ठे होने की नई समस्या और नया निशान उत्पन्न होने तक की सम्भावना होती है। लगाने वाली दवाओं और लेज़र की शक्ति और क्षमता बढ़ने के साथ ही इन सभी के होने का खतरा भी बढ़ता जाता है। सक्रिय मुहांसों, संवेदनशील त्वचा या गहरे रंग वाली त्वचा के लोगों के लिए कुछ प्रकार के उपचार ठीक नहीं होते हैं। आपको संभावित लाभ के साथ संभावित दुष्प्रभावों को भी जानना होगा और इस हेतु अपने डॉक्टर या त्वचा रोग विशेषज्ञ से बात करनी होगी। ऐसा कोई उपचार नहीं है जो सभी के लिए लाभकारी हो। हर उपचार की प्रभाव क्षमता अलग होती है और उपचारों को एक दूसरे के साथ मिलाकर किया जाना पड़ सकता है।
पहला और सबसे आवश्यक कार्य है सूर्य की किरणों की चपेट से बचना। अल्ट्रा वायलेट किरणों से त्वचा के गहरे रंग वाले हिस्से और अधिक गहरे हो जाते हैं और रोग का समय बढ़ जाता है। चेहरे पर काले धब्बे ना उत्पन्न करने वाले मोइस्चराइजर या सनस्क्रीन लगाएँ जिनका एसपीएफ 15 या अधिक हो।
Q3.काले धब्बे और मुहांसे के दाग में क्या अन्तर है?
काले धब्बे सूजन के बाद का उत्पन्न होते हैं जिसका अर्थ है कि घाव ठीक होने के बाद अस्थाई रंग रह गया है। ये स्थाई नहीं होते और अधिकतर समय के साथ हलके पड़ जाते हैं। गहरे रंग वालों के लिए ये निशान भूरे, काले या इनके बीच के किसी रंग के हो जाते हैं।
मुहांसों से उत्पन्न घाव ठीक होने में लम्बा समय लेते हैं। ये घाव त्वचा पर उभार के रूप में या क्रमिक रूप में होते हैं।