लक्षण
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योनि की शुष्कता और खुजली।
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वजन का बढ़ना।
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बार-बार पसीना आना
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तनाव नियंत्रित ना कर पाना।
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मूत्रमार्ग के संक्रमण।
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सोने में कठिनाई (इनसोम्निया)।
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कभी-कभी शरीर के अन्दर गर्म झटके महसूस होना।
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थकावट
- मिजाज में उतार-चढ़ाव।
कारण
ऐसे कई कारण हैं जो किसी महिला को उसके जीवन में पोस्टमीनोपॉज में जल्दी धकेल सकते हैं। इन कारकों में:
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हार्मोन सम्बन्धी उतार-चढ़ावएस्ट्रोजन, प्रोजेस्टेरोन और टेस्टोस्टेरोन जैसे हार्मोन प्राकृतिक रूप से घट जाते हैं, जिसके कारण स्तर असंतुलित होता है और पोस्ट मीनोपॉज के कई असहज करने वाले लक्षण उत्पन्न होते हैं।
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जो महिलाऐं अधिक धूम्रपान और मदिरापान करती हैं।
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तनाव के स्थाई अवसर बने रहते हैं।
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वे महिलाऐं जिनकी दोनों अंडग्रंथियाँ कैंसर अथवा अन्य स्वास्थ्य कारण से निकाल दी जाती हैं।
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विकिरण चिकित्सा जो अंडग्रंथियों को क्षति पहुंचाती है।